Dhanbad News : ऑक्सीजन रेगुलेटर के नहीं होने से धूल फांक रही एसआइसीयू में वेंटिलेटर मशीन
एसएनएमएमसीएच में ऑक्सीजन रेगुलेटर की कमी से गंभीर मरीजों को नहीं मिल पा रहा वेंटिलेटर सपोर्ट, अस्पताल प्रबंधन द्वारा रेगुलेटर मशीन लगाने के निर्देश के बाद भी नहीं लगायी जा रही मशीन
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के सर्जिकल इंटेसिंव केयर यूनिट (एसआइसीयू) का हाल बुरा है. यहां प्रबंधन की लापरवाही के कारण मरीज व उनके परिजन परेशान हैं. एसआइसीयू के विभिन्न बेड के समीप रेगुलेटर नहीं होने के कारण सामान्य मरीजों को पहले से ही ऑक्सीजन की सुविधा सही तरीके से नहीं मिल पा रही है. वहीं ऑक्सीजन रेगुलेटर के कारण गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है. वेंटिलेटर सपोर्ट से संबंधित मरीजों को कंसंट्रेटर लगाकर ऑक्सीजन अथवा लाइफ सेविंग ड्रग देकर उनकी जान बचायी जा रही है. बता दें कि एसआइसीयू में गंभीर मरीजों को भर्ती लिया जाता है, जिन्हें विशेष चिकित्सकीय सुविधा मुहैया करानी पड़ती है. इस यूनिट में भर्ती लिये गये ज्यादातर मरीज या तो सड़क दुर्घटना में घायल होकर पहुंचते हैं अथवा किसी तरह की अन्य सर्जरी के बाद उन्हें भर्ती लिया जाता है. वर्तमान में एसआइसीयू के बेड के समीप लगे कई ऑक्सीजन रेगुलेटर मशीन खराब हो चुकी हैं. वहीं कुछ मशीन चोरी हो गयी है.
एजेंसी को निर्देश के बाद भी नहीं लगायी जा रही रेगुलेटर मशीन :
बता दें की एसआइसीयू में लगे उपकरणाें के मेंटेनेंस की जिम्मेवारी निजी एजेंसी अपेक्स इंडिया को सौंपी गयी है. इस वार्ड से जुड़े सभी प्रकार की सामग्री खराब होने पर बदलने की जिम्मेदारी इसी एजेंसी की है. अस्पताल प्रबंधन ने एसआइसीयू में खराब रेगुलेटर को बदलने का निर्देश एजेंसी को दिया है. बावजूद इसके एजेंसी खराब उपकरणों को बदलने में लापरवाही बरत रही है. मेंटेनेंस का नाम पर उक्त एजेंसी सिर्फ खानापूर्ति करने में लगी हुई है.रेगुलेटर के बिना वेंटिलेटर मशीन का इस्तेमाल संभव नहीं :
वेंटिलेटर में ऑक्सीजन रेगुलेटर का इस्तेमाल रोगी को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए किया जाता है. ऑक्सीजन रेगुलेटर वेंटिलेटर के साथ जुड़ा होता है और यह ऑक्सीजन की मात्रा को नियंत्रित करता है, जो रोगी को दी जाती है. ऑक्सीजन रेगुलेटर वेंटिलेटर के साथ जुड़ा होता है और यह ऑक्सीजन की मात्रा को नियंत्रित करता है, जो रोगी को दी जाती है. रेगुलेटर ऑक्सीजन के दबाव को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाती है. इसके अलावा रेगुलेटर ऑक्सीजन की आपूर्ति को स्थिर बनाता है.वर्जन
एजेंसी को एसआइसीयू में खराब उपकरणों को बदलने का निर्देश दिया गया है. उनके द्वारा इस दिशा में जल्द कार्य शुरू नहीं किया गया, तो शिकायत स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों से की जायेगी.डॉ एसके चौरसिया,
अधीक्षक, एसएनएमएमसीएचडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है