भौंरा पुलिस ने पहुंच कर ग्रामीणों व विधायक समर्थकों को समझाकर मामला सलटाया
झरिया
. पूर्वी झरिया क्षेत्र के भौंरा में संचालित मेगा आउटसोर्सिंग सी टू पैच परियोजना का कार्य चालू होने के साथ भौंरा 6 नंबर रहमत नगर व 16 नंबर मुहल्ला के लोगों द्वारा शुक्रवार को काम बंद करा दिये जाने के बाद रविवार को फिर एक बार हंगामा हुआ. रविवार को गफ्फार अंसारी अपने समर्थकों के साथ पहुंच कर परियोजना के बंद कार्य को चालू कराने का प्रयास किया. इसकी भनक लगते ही स्थानीय महिला, पुरुष व युवक भारी संख्या में कार्यस्थल पहुंच कर विरोध करने लगे. लोगों के अनुसार गफ्फार द्वारा कार्य बंद करने वाले लोगों को धमकी दी गयी. उससे माहौल बिगड़ गया. तभी मामले की सूचना किसी ने विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के समर्थकों को दी. फिर विधायक समर्थक सुबोध सिंह, शिव प्रकाश सिंह अपने एक दर्जन समर्थकों के साथ पहुंचे और गफ्फार और उसके समर्थकों को खोजने लगे. इधर, सूचना पर भौंरा ओपी प्रभारी रंजीत राम व अनि संतोष कुमार भी दलबल के साथ पहुंचे और स्थानीय लोगों व विधायक समर्थकों को समझा-बुझा कर किसी तरह शांत कराया. उसके बाद लोगों को वापस भेजा.बीसीसीएल से वार्ता होने तक काम रहेगा बंद : पुलिसओपी प्रभारी ने लोगों को आश्वस्त किया कि जबतक समस्या को लेकर बीसीसीएल प्रबंधन की लोगों से वार्ता नहीं हो जाती, तब तक काम बंद रहेगा. पुलिस ने कार्यस्थल से मशीन हटवा दी.प्रबंधन रास्ता बनाने के नाम पर लोगों को हटाना चाहता है : ग्रामीणलोगों का कहना था कि प्रबंधन परियोजना का रास्ता बनाने के नाम पर साजिश के तहत लोगों को हटाना चाहता है. हमलोग मर जायेंगे, लेकिन बिना पुनर्वास के यहां से घर खाली नहीं करेंगे. सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पूर्व पार्षद शिवकुमार यादव ने कहा कि भौंरा में विस्थापितों को बसाने के लिए अब कोई जगह नहीं बची है. प्रबंधन को जहां परियोजना चलानी है, वहां चलाये. मुहल्ला के पीछे काम नहीं होने दिया जायेगा. मुहल्ला के लोग अपनी लड़ाई लड़ने में खुद सक्षम हैं. लेकिन कुछ लोग ओछी राजनीत करते हैं. भौंरा 4 नंबर व 12 नंबर में भी इसी तरह की राजनीति कर लोगों को बेघर कर दिया गया. स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्हें किसी राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है. वे अपनी लड़ाई खुद लड़ना जानते हैं. इधर, भौंरा ओपी प्रभारी रंजीत राम ने कहा कि रहमत नगर के लोगों को समस्या से संबंधित आवेदन बीसीसीएल प्रबंधन को देने को कहा गया है. प्रबंधन व ग्रामीणों में वार्ता होने के बाद जो निर्णय होगा, उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है