धनबाद : सिंदरी में भी अब वर्चस्व की लड़ाई को लेकर गुटों में भिड़ंत शुरू हो गयी है. ताजा मामला हर्ल में वर्चस्व जमाने से जुड़ा है. रविवार अपराह्न करीब तीन बजे जनता मजदूर संघ (बच्चा गुट) के सिंदरी सचिव वेद प्रकाश ओझा के रोहड़ाबांध नाॅर्थ होस्टल स्थित कार्यालय पर हमला बोल दिया गया.
यहां चार राउंड फायरिंग भी की गयी. तोड़फोड़ की गयी. लाठी के हमले से वेद प्रकाश ओझा के तीन समर्थक अंशु कुमार, सोहन हेंब्रम और कन्हैया चौहान का सिर फट गया. घायलों को चासनाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. घटना की सूचना पाते ही डीएसपी अजीत कुमार सिन्हा और सिंदरी थाना के पुलिसकर्मी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. घटना के पीछे हिंदुस्तान उर्वरक एंड रसायन लिमिटेड (हर्ल) में वर्चस्व की लड़ाई कारण बताया जा रहा है.
पुलिस ने घटनास्थल से दो खोखा बरामद किया गया है. वेद प्रकाश ओझा ने कहा कि घटना के समय वह धनबाद में थे. उन्होंने हमला का आरोप जनता मजदूर संघ (कुंती गुट) के पूर्व समर्थक लक्की सिंह व उसके समर्थकों पर लगाया है. हालांकि, लक्की सिंह अभी किसी भी गुट या राजनीतिक दल के साथ नहीं जुड़ा है. समाचार लिखे जाने तक घटना की शिकायत थाना में नहीं की गयी है. इधर, वेद प्रकाश समर्थकों ने हमलावरों को गिरफ्तार करने के लिए सिंदरी थाना में नारेबाजी की. लक्की सिंह के दो समर्थकों को हिरासत में लिया गया है.
देर शाम को सिंदरी डीएसपी अजीत कुमार सिन्हा, सिंदरी थाना प्रभारी राजकपूर दल-बल के साथ लक्की सिंह के कार्यालय पहुंचे, पर वह वहां नहीं मिला. विदित हो कि सिंदरी में हर्ल की इकाई स्थापित हो रही है. इस खाद कारखाना के निर्माण के कारण ठेका और दूसरे तरह के कार्य सिंदरी में बढ़े हैं. हर्ल में वर्चस्व स्थापित करने के लिए राजनीतिक दलों की तरफ से जोर आजमाइश जारी है.
इधर, लक्की सिंह का कहना है कि उनपर लगाये गये आरोप गलत हैं. कोई गोली चालन की घटना नहीं हुई है. उनके समर्थक ‘गेल’ की पाइपलाइन का कार्य कर शाम को लौट रहे थे. इसी बीच रोहड़ाबांध के पास वेद प्रकाश ओझा के समर्थकों ने उनपर हमला कर दिया और मारपीट की.
सिंदरी डीएसपी अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि लिखित आवेदन पर कार्रवाई होगी. पुलिस ने लक्की सिंह के दो समर्थकों विमल सिंह और गुड्डू सिंह को हिरासत में लिया है.
वेद प्रकाश ओझा और लक्की सिंह तीन वर्ष पूर्व साथ में थे. मतभेद होने पर अपने समर्थकों के साथ वेद प्रकाश ओझा अलग हो गये और जमसं (बच्चा सिंह गुट) में शामिल हो गये. तभी से दोनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई जारी है. इसके पहले भी वेद प्रकाश ओझा के इसी कार्यालय पर 2018 में गोली चलायी गयी थी, जिसमें वेद प्रकाश ओझा बाल बाल बचे थे.
लक्की सिंह पर झारखंड अपराध नियंत्रण अधिनियम (सीसीए) के तहत भी कार्रवाई हो चुकी है. पहले वह जनता मजदूर संघ ( कुंती) गुट में था, फिलहाल किसी पार्टी में नहीं हैं. खुद को समाजसेवी बताता है.
Posted By : Sameer Oraon