धनबाद.
धनबाद सेंट्रल कोल वाशरी ऑर्गेनाइजेशन के सभागार (सीसीडब्ल्यूओ) में आयोजित तीन दिवसीय नृत्यशाला का समापन रविवार को हो गया. ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल,अनुभूति एक एहसास, सांस्कृतिक प्रशिक्षण केंद्र, सीसीडब्ल्यूओ द्वारा तीन दिवसीय कथक नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया गया था. अंतिम दिन मुख्य अतिथि कोल वाशरी डिवीजन के जीएम देवज्योति अधिकारी, आयोजनकर्ताओं व अतिथियों ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया. फिर स्थानीय कलाकार श्रुति चंद्र ने गणेश वंदना और स्थानीय कलाकारों ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी. कार्यशाला में शामिल कलाकारों को वाराणसी घराने के अंतरराष्ट्रीय कथक कलाकार विशाल कृष्ण ने प्रशिक्षण व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया. मुख्य अतिथि देवज्योति अधिकारी ने कहा की भारत में कथक नृत्य 400 बीसी में शुरू हुआ था, जो भगवान शिव के नृत्य पर आधारित है. इसे विभिन्न किक गुरुओं ने आगे बढ़ाया. वर्तमान में विशाल कृष्णा जैसे कलाकार कथक नृत्य का विस्तार कर रहे हैं. ऑल इंडिया ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल के सभी पदाधिकारी एवं काला हीरा जैसे मंच के निदेशक राजेंद्र प्रसाद को बधाई दी और भविष्य में बच्चों को बड़ा मंच प्रदान करने की शुभकामनाएं दी. सांस्कृतिक प्रशिक्षण केंद्र, काला हीरा के निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने भी संबोधित किया. आयोजन को सफल बनाने में काला हीरा के निदेशक राजेंद्र प्रसाद, अनुभूति एक एहसास की महासचिव सरसी चंद्रा, संजय सेनगुप्ता, वशिष्ठ प्रसाद सिन्हा, अरविंद शर्मा, एआइटीसी झारखंड प्रेसिडेंट श्याम कुमार, एआइटीसी महासचिव संजय चंद्रा, उपाध्यक्ष जयप्रकाश शुक्ला, कोषाध्यक्ष कैश आलम, नृत्य प्रभारी शिप्रा, सतीश कुंदन, राजीव कुमार आदि ने अहम भूमिका निभायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है