गोद में आठ माह की बच्ची को लेकर सड़क पर बेसहारा भटक रही निरसा की युवती को सहारा मिला. पॉक्सो जज प्रभाकर सिंह की अदालत ने उसके पति को जमानत दी और वह जेल से बाहर आ पाया. आठ माह की बच्ची को बाप का सहारा मिला. पूरे मामले में सीडब्लूसी चेयरपर्सन उत्तम मुखर्जी व अदालत के चीफ डिफेंस काउंसिल कुमार विमलेंदु की भूमिका अहम रही.
क्या है मामला :
मामला वर्ष 2022 का है. निरसा की नाबालिग लड़की किसी लड़के के साथ शादी कर ली. लड़की के पिता ने अपहरण और पॉक्सो के तहत निरसा थाने में एफआइआर करायी थी. प्रेमी जोड़ा पति पत्नी के रूप में दूसरे प्रदेश में जाकर रह रहे थे. लड़की व्यस्क हुई तो दो साल बाद निरसा पुलिस ने पॉक्सो के पुराने मामले में उसके पति को बुधवार को जेल भेज दिया. युवती और उसकी आठ माह की बच्ची को पुलिस ने सीडब्लूसी में प्रस्तुत किया.
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मायकेवालों ने बेटी के अपहरण का मामला जरूर दर्ज कराया था, लेकिन गुरुवार को उन्होंने बेटी को घर में जगह देने से इनकार कर दिया. सीडब्लूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी और जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी साधना कुमारी ने उसे वन स्टॉप सेंटर में आश्रय दिलाया तथा मां-बेटी के लिए भोजन आदि का प्रबंध किया. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने भी सहयोग दिया. चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम लगातार ख्याल रख रही थी. सीडब्लूसी चेयरपर्सन उत्तम मुखर्जी ने मामले में न्यायाधीश प्रभाकर सिंह से बात की. चीफ डिफेंस काउंसेल कुमार विमलेंदु जेल में जाकर आरोपी पति से मिले. कुछ देर बाद सिंगल बेलर पर उसके पति को जमानत मिल गयी. युवती शुक्रवार वन स्टॉप सेंटर से निकलकर परिजनों के साथ विदा हो गयी. बेलर का प्रबंध भी डिफेंस काउंसिल ने ही कराया.
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