dhanbad News: छोटे शहरों में बेहतर प्रबंधन व संचयन से ही जल संरक्षण संभव
आइआइटी आइएसएम में छोटे शहरी केंद्रों में जल संकट के समाधान पर चर्चा के लिए दो दिवसीय आवासीय कार्यशाला शुरू
धनबाद.
आइआइटी आइएसएम के पर्यावरण विज्ञान और अभियांत्रिकी विभाग के खनन पर्यावरण केंद्र ने छोटे शहरी केंद्रों में जल संकट के समाधान पर केंद्रित 2.5 दिवसीय आवासीय कार्यशाला बुधवार से शुरू हो गयी. इसका उद्देश्य जल प्रबंधन, वर्षा जल संचयन और जल संकट से निपटने के लिए समाधान ढूंढने में मदद करना है. संस्थान के आइटूएच भवन में कार्यशाला का आयोजन एक्वाडैम, बायोम एन्वायरनमेंटल ट्रस्ट, विप्रो फाउंडेशन और मेघ पाइन अभियान के सहयोग से किया गया. इसमें वक्ताओं ने कहा कि छोटे शहरों में बेहतर प्रबंधन व संचयन से ही जल संरक्षण संभव है.आइआइटी के नये प्रयासों की दी जानकारी
संस्थान के उपनिदेशक प्रो धीरज कुमार मुख्य अतिथि व नगर आयुक्त रविराज शर्मा विशिष्ट अतिथि थे. अपने संबोधन में प्रो. धीरज कुमार ने जल संरक्षण के लिए संस्थान के प्रयासों की जानकारी दी. बताया कि संस्थान ने एक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया है. इससे अपशिष्ट जल का उपयोग कृषि और उद्यानों के लिए किया जाता है. उन्होंने प्रतिभागियों को जल प्रबंधन को लेकर नये समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया.
नगर आयुक्त रवि राज शर्मा ने शहर में जलापूर्ति की स्थिति की जानकारी दी. बताया कि नगर निगम वर्षा जल संचयन और प्रबंधन को प्राथमिकता दे रहा है. भूजल विशेषज्ञ हिमांशु कुलकर्णी ने भूजल की गुणवत्ता और मात्रा के महत्व पर बल दिया. व्यापक जल प्रबंधन रणनीतियों की आवश्यकता को रेखांकित किया. इस दौरान विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई. विशेषज्ञों ने जल प्रबंधन के लिए नई दृष्टि और रणनीतियां साझा कीं, ताकि छोटे शहरी केंद्रों में जल संकट से निपटने के लिए अहम कदम उठाए जा सकें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है