Dhanbad News: तीन माह से अस्पताल का चक्कर लगा रही विधवा, फिर भी नहीं मिला पति का मृत्यु प्रमाण पत्र
Dhanbad News: 14 मई को सड़क दुर्घटना में घायल उसके पति की मौत हो गयी थी. उसके बाद से ही महिला अपने पति के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए चक्कर लगा रही है.
Dhanbad News: अपने पति का मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के लिए एक विधवा तीन माह से शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) का चक्कर लगा रही है. 14 मई को सड़क दुर्घटना में घायल उसके पति की मौत हो गयी थी.
तीन माह से लगा रही है अस्पताल के चक्कर
सरायढेला पुलिस ने पत्नी का बयान लिया. शव का पोस्टमार्टम भी हुआ. अंतिम संस्कार के बाद पत्नी ने मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया. इसके बाद से उसे दौड़ाया जा रहा है. आवेदन करने के लगभग तीन माह बाद भी मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं मिलने पर उसने अस्पताल के कर्मचारियों से संपर्क किया, तो पता चला कि इमरजेंसी से पति के इलाज से संबंधित बेड टिकट (बीएसटी) व इमरजेंसी ओपीडी (इओपीडी) स्लिप गायब है. इस कारण मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहा है. हालांकि, मामला उजागर होने के बाद अस्पताल प्रबंधन बीच का रास्ता निकालने में जुट गया है.
क्या है मामला?
बता दें कि, 14 मई की रात न्यू कार्मिक नगर के फुफवाडीह निवासी संतोष कुमार जायसवाल (43), सरायढेला में हुई सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये थे. सरायढेला पुलिस ने उन्हें एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया था. लगभग दो घंटे तक इमरजेंसी में उनका इलाज चला. इसके बाद उनकी मौत हो गयी. 15 मई को सरायढेला पुलिस ने पत्नी सोनी का फर्दबयान लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
क्या है इओपीडी और बीएसटी?
अस्पताल के इमरजेंसी में मरीज के पहुंचने पर पहले इओपीडी स्लिप बनता है. इसके बाद मरीजों का इलाज शुरू होता है. प्राथमिक उपचार शुरू होने पर मरीज को वार्ड में शिफ्ट करने से पहले बीएसटी बनता है. बीएसटी वार्ड में बेड उपलब्ध कराने की पर्ची है. इस मामले में दोनों आवश्यक दस्तावेज इमरजेंसी से गायब हैं.
अस्पताल प्रबंधन ने क्या कहा?
इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उनको मामले की जानकारी नहीं है. इस विषय को वह खुद से देखेंगे. इमरजेंसी से संबंधित दस्तावेज को ढूंढ़ने का प्रयास किया जायेगा. यह सुनिश्चित किया जायेगा कि मृत्यु प्रमाणपत्र जल्दी से बनवाकर मृतक की पत्नी को सौंप दिया जाये.