धनबाद : पति की हत्या कर शव को छुपाने के मामले में मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत ने सजा की बिंदु पर फैसला सुनाया. अदालत ने राजगंज थाना क्षेत्र के दलदली निवासी जेल में बंद मालती देवी को भादवि की धारा 201 में तीन वर्ष कैद, भादवि की धारा 302 में उम्रकैद व दस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई. दोनों सजा एक साथ चलेगी. अभियोजन का संचालन सहायक लोक अभियोजक समित प्रकाश ने किया.
क्या है मामला : मालती देवी ने 25 अगस्त 2020 को तलवार से कई टुकड़ों में काटकर अपने पति चंद्रकांत टुडू की हत्या कर दी थी. इससे पहले उसने चंद्रकांत को शराब भी पिलायी थी और कमरे में उसे बंद कर उसकी हत्या कर दी थी. इसके बाद रात 12 बजे पति के सिर को स्कूटी में रखा और धड व पैरों को टोकरी में रख अलग-अलग कुओं में फेंक दिया था. साक्ष्य छुपाने मे लिए रात में ही घर को धोकर साफ कर दिया था. दूसरे दिन स्कूटी में रखे पति के सर को तिलाटांड़ पहाड़ी तेतुलमारी ले जाकर झाड़ियों में फेंक दिया और थाना में अपने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी. छह सितंबर 2020 को कांड के अनुसंधानकर्ता ने जब मालती देवी के मोबाइल फोन का सीडीआर निकाला तो पता चला कि मालती देवी चंदन चौहान, महेंद्र चौहान और सुभाष कुमार गोप के साथ घटना से पहले और बाद भी लगातार संपर्क में थी और बात कर रही थी. जब पुलिस ने इन तीनों को पकड़ा तो तीनों ने हत्या की बात उगल दी. बाद में पुलिस की सख्ती पर मालती ने भी अपना दोष स्वीकार कर लिया था. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल तलवार, टोकरी व स्कूटी, मृतक के कपड़े व चप्पल बरामद किये थे. घटना की प्राथमिकी राजगंज थाना में मृतक चंद्रकांत टुडू के बड़े भाई विनोद टुडू की लिखित शिकायत पर 28 अगस्त 2020 को दर्ज की गई थी. मामले में अभियोजन ने कुल 12 गवाहों का परीक्षण कराया था. बचाव पक्ष से एलएडीसीएस के चीफ कुमार विमलेंदू अभियोजन के आरोपों का खंडन नही कर सके. न ही साक्ष्यों पर संदेह उत्पन्न कर पाये.