बीसीसीएल की खरखरी कोलियरी कोलडंप का मामलाबीसीसीएल की खरखरी कोलियरी कोलडंप में रविवार की सुबह मैनुअल कोयला लोडिंग की मांग को लेकर लोडिंग मजदूरों ने लोडिंग रोक दी. इससे तीन हाइवा व पेलोडर को डंप से बगैर लोडिंग के लौटना पड़ा. इस दौरान लोडिंग मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया. बताया जाता है कि कोलडंप में कोयला लोडिंग के लिए सुबह तीन हाइवा व पेलोडर पहुंचा था. इसकी जानकारी मिलते ही आसपास लोडिंग मजदूरों ने कोलडंप पहुंच कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. मजदूरों का आक्रोश देख तीनों हाइवा व पेलोडर के चालक वहां से निकल गये. प्रदर्शन में काफी संख्या में लोडिंग मजदूर शामिल थे. इस संबंध में लोडिंग मजदूरों ने कहा कि लोकल सेल में सैकड़ों लोडिंग मजदूर कार्यरत हैं. उनकी रोजी-रोटी इसी से चलती है. छह माह से खरखरी कोलडंप में कोयला का उठाव नहीं होने से मजदूर भुखमरी की स्थिति में हैं. प्रबंधन मजदूर विरोधी नीति के तहत लोकल सेल को बंद कर पेलोडर से कोयला लोडिंग पर आमादा है. जिसे कतई सफल नहीं होने दिया जायेगा.
डंप में पड़ा है 1000 टन से अधिक कोयला
खरखरी कोलियरी कोलडंप में लगभग एक हजार टन से अधिक कोयला पडा है. खरखरी कोलियरी में कोयले का उत्पादन भी नहीं हो रहा है. पिछले 15 दिनों से सुरक्षा कारणों को लेकर डीजीएमएस के आदेश पर कोलकर्मियों को खदान के अंदर जाने पर रोक लगायी गयी है.मैनुअल लोडिंग को लेकर मजदूरों ने रोका है काम : पीओइस संबंध में खरखरी कोलियरी के पीओ विजय कुमार ने बताया कि मधुबन वाशरी में कोयला डिस्पैच को लेकर वाहन कोलडंप भेजा गया था, लेकिन कुछ स्थानीय लोगों द्वारा मैनुअल लोडिंग की मांग को लेकर कोयला लोडिंग रोक दी गयी गयी है.बीसीकेयू ने की बड़मुड़ी कोलियरी की ट्रांसपोर्टिंग ठपचिरकुंडा. बीसीकेयू की बड़मुड़ी शाखा ने पांच सूत्री मांगों को लेकर रविवार सुबह से सेंट्रल पूल साइडिंग से होने वाली ट्रांसपोर्टिंग ठप कर दी. यूनियन के सचिव रामजी यादव ने बताया कि 14 जून को प्रबंधन को इस संबंध में पत्र दिया गया था. इसी आलोक में एक जुलाई को हुई थी, जिसमें दो मांगों पर सहमति बनी और शेष तीन मांगों पर 10 दिनों में वार्ता करने की बात कही गयी. श्री यादव ने कहा कि वार्ता में बनी सहमति के बावजूद इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी. अन्य मांगों में वाहन चालक को आठ घंटा ड्यूटी देने व वेतन बढ़ाने, प्रत्येक मोड़ पर गार्ड की व्यवस्था करने एवं वाहन में चालक के साथ खलासी की व्यवस्था शामिल है. श्री यादव ने बताया कि न तो तिरपाल से ढककर वाहन ले जाया जा रहा है और न ही रास्ते में जल छिड़काव किया जा रहा है.
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