गैसीकरण में चुनौतियां और अवसर पर दो दिवसीय कार्यशाला शुरू
गैसीकरण में चुनौतियां और अवसर पर दो दिवसीय कार्यशाला शुरू
वैश्विक ऊर्जा
की चुनौतियों से निबटने की जरूरत : प्रो अरविंद मिश्रा जोड़ापोखर. सीएसआइआर-सीआइएमएफआर के “ऊर्जा एवं ऊर्जा उपकरण कार्यक्रम ” के तहत सिंफर के डिगवाडीह आदित्यनाथ लहरी सभागार में बुधवार को गैसीकरण में चुनौतियां और अवसर केयरिंग-2024 पर दो दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत की गयी. उसमें सेल, जेएसपीएल अंगुल, हिंडाल्को, थर्मैक्स जैसे भारत भर के विभिन्न संगठनों से 75 से अधिक डेलिगेट्स ने भाग लिया. कार्यशाला की शुरुआत सीएसआइआर- सीआइएमएफआर के निदेशक प्रो अरविंद कुमार मिश्रा के स्वागत भाषण के साथ हुई. प्रो मिश्रा ने सतत ऊर्जा समाधानों के संदर्भ में गैसीकरण के महत्व और वैश्विक ऊर्जा की चुनौतियों से निबटने में इसकी भूमिका पर जोर दिया. उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि कोयला मंत्रालय के परियोजना सलाहकार आनंद प्रसाद ने गैसीकरण की विभिन्न संभावनाओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हमें पता नहीं था कि यहां भी इतना बड़ा प्लांट है. इस तरह की कार्यशाला से एक दूसरे से चर्चा करने का मंच मिलता है. उससे देश ही नहीं, पूरे विश्व को फायदा होता है. कार्यशाला के प्रथम दिन जेएसपीएल, अंगुल के कार्यकारी उपाध्यक्ष देवाशीष माइती ने अपने कीनोट व्याख्यान से सभी प्रतिभागियों को लाभान्वित किया. कीनोट व्याख्यान में डॉ भीए मेंडे ने कहा है कि संस्थान में 20 वर्षों से प्लांट लैब स्टडी कर छतीसगढ़, गुजरात एवं रानीगंज में अपना विस्तारीकरण कर रहा है. अंडरग्राउंड कोलिफिकेशन कार्य चुनौती पूर्ण है, जिसमें ऊर्जा के स्रोत हाइड्रोजन, कार्बन मॉनोऑक्साइड, मिथेन व सीओ-2 शामिल है. उसका केमिकल फर्टिलाइजर में उपयोग किया जाना व प्रदूषण नियंत्रण कर ऊर्जा का अधिक से अधिक उत्सर्जन किया जाना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है