Jharkhand: ढाई आखर प्रेम के में दिखे कला के अलग-अलग रंग
आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की पहल पर राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा निकाली जा रही है़ इसका नाम है : ढाई आखर प्रेम का़ गुरुवार को इस यात्रा के अंतर्गत मोराहाबादी स्थित डॉ रामदयालय मुंडा जनजातीय शोध संस्थान में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ.
-
इप्टा की पहल पर निकाली गयी है यह सांस्कृतिक यात्रा
-
देश के पांच राज्यों के 250 से ज्यादा स्थानों से गुजरेगी
आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की पहल पर राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा निकाली जा रही है़ इसका नाम है : ढाई आखर प्रेम का़ गुरुवार को इस यात्रा के अंतर्गत मोराहाबादी स्थित डॉ रामदयालय मुंडा जनजातीय शोध संस्थान में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ. झारखंड के पांच सांस्कृतिक व्यक्तित्व को सम्मानित किया गया.
इसमें पद्मश्री मधु मंसूरी, लेखन बद्री प्रसाद, दयाल राम, स्व विजय उरांव (पत्नी और बेटे ने लिया सम्मान) और ऋषिकेश लाल शामिल हैं. इस अवसर पर टीआरआइ के निदेशक रणेंद्र, जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, महादेव टोप्पो, डॉ मिथलेश आदि मौजूद थे.
मधु मंसूरी ने बांधा समां : पद्मश्री मधु मंसूरी ने गानों से समां बांध दिया. गांव छोड़ब नही, जंगल छोड़ब नहीं…गीत गाये. उदिति नृत्य मंडली ने भी प्रस्तुति दी. एमएमके पब्लिक स्कूल बरियातू की छात्राओं ने लब पे आती है दुआ…गाना से मन मोह लिया. महंगाई पर गीत गाये. कफील जाफरी ने राष्ट्रीय एकता विषय पर किस्सागोई और सुमेधा मलिक ने ढाई आखर प्रेम पर विचार व्यक्त किये़