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दुमका में 125 व देवघर में 157 मिमी बारिश की संभावना

अगले पांच दिनों तक हो सकती है झमाझम बारिश दुमका : उपराजधानी दुमका समेत पूरे संताल परगना में अगले पांच दिनों के दौरान झमाझम बारिश की संभावना जतायी गयी है. मौसम पूर्वानुमान केंद्र नई दिल्ली से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 5 से 9 जुलाई के मध्य घने बादल सभी जिले में छाये रहेंगे. दुमका जिले […]

अगले पांच दिनों तक हो सकती है झमाझम बारिश

दुमका : उपराजधानी दुमका समेत पूरे संताल परगना में अगले पांच दिनों के दौरान झमाझम बारिश की संभावना जतायी गयी है. मौसम पूर्वानुमान केंद्र नई दिल्ली से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 5 से 9 जुलाई के मध्य घने बादल सभी जिले में छाये रहेंगे. दुमका जिले में लगभग 125 मिलीमीटर तथा देवघर जिले में 157 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा सकती है. अगर इतनी बारिश हुई, तो इन पांच दिनों में खेती के कार्य में बहुत फायदा मिल जायेगा. अभी इस इलाके में किसान बारिश की जरुरत महसूस कर रहे हैं.
अभी भी कई खेत ऐसे हैं, जिसमें पर्याप्त नमी नहीं बन पायी है, जिससे किसान धान की बुआई कर सकें. मिली जानकारी के मुताबिक 5 जुलाई को दुमका में 42, देवघर में 43, जामताड़ा में 33, साहिबगंज में 36, गोड्डा व पाकुड़ में 38-38 मिमी बारिश होगी. वहीं छह जुलाई को दुमका में 18, देवघर में 28, जामताड़ा में 21, साहिबगंज में 18, गोड्डा में 12 एवं पाकुड़ में 25 मिमी बारिश होगी.
मौसम आधारित कृषि सलाह: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के दुमका स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के सह निदेशक डॉ बीके भगत ने बताया कि अगले पांच दिनों में मध्यम से लेकर भारी वर्षा होगी तथा अधिकत्तम से लेकर न्यनूतम तापमान में भारी उतार-चढ़ाव रहेंगे. ऊपरी जमीन में खेत की जुताई कर सड़ी गोबर की खाद 2 टन, नीम या करंज की खल्ली 200 किलोग्राम व कीट-मकोड़े से बचाव के लिए कार्बोफ्युरान 3 जी 12 किलोग्राम या फोरेट 10 जी 4 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से डालकर पाटा चला देने तथा बंदना, बिरसा धान 108, बिरसा विकास धान 109,110 की सीधी बुआई करने की सलाह दी है.
बुआई से पूर्व बीज को वेभिस्टिन 2 ग्राम प्रतिकिलोग्राम बीज के दर से उपचारित करपुन: 2 से 3 घंटे बाद कीटनाशी क्लोरपेरिफास 20 ईसी 3 मिलीलीटर प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करने और उसके बाद यूरिया, डीएपी एवं म्युरेट आफ पोटाश की अनुशंसित मात्रा डाल कर हल के पीछे बुआई करने को कहा है.
बुआई के उपरांत खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवारनाशी ब्यूटाक्लोर50 इसी 800 एमएस प्रति एकड़ की दर से 300-400 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने को लाभप्रद बताया है. डॉ भगत ने मध्यम जमीन के लिए आइआर 36, अंजली, नवीन, सहभागी, ललाट, सुगंधा, बीआर 10, बिरसामति, प्रोएग्रो 6444 तथा निचली जमीन के लिए स्वर्णा अर्थात एमटीयू 7029, राजश्री, संभा मंसुरी व प्रोएग्रो 6444 प्रभेद को अनुशंसित किया है.

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