सृजन के देवता विश्वकर्मा की पूजा आज

बासुकिनाथ : शिल्प और वास्तुविद्या के अधिदेवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र में धूमधाम से आज होगी. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों को फूलों से सजाया जा रहा है. पंडितों ने बताया कि भगवान विश्वकर्मा का नित्य स्मरण और पूजा करना हर मनुष्य के लिए आवश्यक है जिससे उसे धन-धान्य और सुख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2017 6:06 AM

बासुकिनाथ : शिल्प और वास्तुविद्या के अधिदेवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र में धूमधाम से आज होगी. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों को फूलों से सजाया जा रहा है. पंडितों ने बताया कि भगवान विश्वकर्मा का नित्य स्मरण और पूजा करना हर मनुष्य के लिए आवश्यक है जिससे उसे धन-धान्य और सुख –

समृद्धि की प्राप्ति निरंतर होती रहे. इन्हें शिल्पशास्त्र का आदि पुरुष माना जाता है. वास्तुदेव व अंगिरसी से विश्वकर्मा भगवान का जन्म हुआ था. विश्वकर्मा वास्तुकला के महान आचार्य थे. मनु, मय, त्वष्टा, शिल्पी, और देवज्ञ, इनके पुत्र हैं. इन पांचों पुत्र का वास्तु शिल्प की अलग-अलग विषयों में विशेषज्ञ माना जाता है. मनु को लोहे, मय को लकड़ी, त्वष्टा को कांसे एवं तांबा, शिल्पी ईंट और देवज्ञ को चांदी, सोने की महारत हासिल है.

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