बड़ाबांध व खुटाबांध तालाब में बिखरे आस्था के अवशेष

दुमका : उपराजधानी दुमका के दो प्रमुख तालाब बड़ाबांध एवं खुटाबांध तालाब का दृश्य इन दिनों आहत करने वाला है. रविवार की सुबह तक ये दोनों ही तालाब चमक रहे थे. सोमवार-मंगलवार को स्थिति पूरी तरह बदल चुकी थी. जिस तालाब का जल कलश में ले जाकर लोगों ने देवी का पूजन किया था, उन्हीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2017 5:12 AM

दुमका : उपराजधानी दुमका के दो प्रमुख तालाब बड़ाबांध एवं खुटाबांध तालाब का दृश्य इन दिनों आहत करने वाला है. रविवार की सुबह तक ये दोनों ही तालाब चमक रहे थे. सोमवार-मंगलवार को स्थिति पूरी तरह बदल चुकी थी. जिस तालाब का जल कलश में ले जाकर लोगों ने देवी का पूजन किया था, उन्हीं के द्वारा कलश विसर्जन व प्रतिमा विसर्जन और अब बची-खुची पूजन सामग्रियों के फेंके जाने (प्रवाहित करने) से तालाब के घाट में गंदगी पसर गयी है.

चहुंओर मिट्टी, पुआल, प्लास्टिक, मिट्टी के बरतन, कपड़े आदि बिखरे पड़े हुए है. लगातार प्रतिमा विसर्जन से इन तालाबों के जल की शुद्धता तो नष्ट हो ही रही है, निकलने वाले दुर्गंध से इस तालाब में स्नान व श्राद्धकर्म आदि के लिए पहुंचने वाले लोगों की आस्था को ठेस पहुंचती है. कई बार शहर के प्रबुद्धजन इस बात को लेकर आपत्ति उभी जता चुके हैं कि शहर के अंदर इन दोनों ही खूबसूरत तालाबों में पूजन सामग्री या प्रतिमा
विसर्जन का सिलसिला थमना चाहिए तथा नदी या दूसरे जलस्त्रोत का उपयोग किया जाना चाहिए, पर अब तक इस दिशा में कोई नीति नहीं बन सकी है और न ही कोई ठोस कदम उठाये जा सके हैं.

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