किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर ज्यादा पैदावार प्राप्त करें : बीएओ

बासुकिनाथ : जरमुंडी प्रखंड में सोमवार को कृषक गोष्ठी का आयोजन हुआ. प्रखंड कृषि पदाधिकारी अक्षय कुमार साह एवं बीटीएम समरेंद्र सिंन्हा ने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की जानकारी दी गयी. बीएओ ने बताया कि किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर ज्यादा पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. किसानों को श्रीविधि तरीके से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2017 10:10 AM
बासुकिनाथ : जरमुंडी प्रखंड में सोमवार को कृषक गोष्ठी का आयोजन हुआ. प्रखंड कृषि पदाधिकारी अक्षय कुमार साह एवं बीटीएम समरेंद्र सिंन्हा ने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की जानकारी दी गयी. बीएओ ने बताया कि किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर ज्यादा पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
किसानों को श्रीविधि तरीके से खेती करने एवं ज्यादा पैदावार प्राप्त करने के लिए खेतों में जैविक खाद के प्रयोग पर जोर दिया. कहा जैविक खाद के प्रयोग से न केवल पैदावार बढ़ती है बल्कि स्वास्थ्य भी ठीक रहता है. बीटीएम ने कहा कि फसल में रसायनिक खाद का प्रयोग कम करें इससे पैदावार प्रभावित होती है, मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी क्षय होती है. समय-समय पर मिलने वाले सुविधाओं के बारे में भी किसानों को जानकारी दी गयी. सरकार द्वारा अनुदान पर किसानों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गयी. मौके पर रामाशंकर सिंह, देवनारायण महतो, संतोष महतो, देवकी राय आदि उपस्थित थे.
खंडहर में तब्दील होने को शिलंगी स्वास्थ्य उपकेंद्र
दुमका जिले के नक्सल प्रभावित प्रखंड गोपीकांदर के फोकस एरिया में पड़ने वाले गांव शिलंगी में जो स्वास्थ्य उपकेंद्र है, उसकी दशा भयावह है. हाल ही में बना यह भवन देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि यह सरजमीनी स्तर पर (अभी कागजी तौर पर चालू)चालू होने के पहले ही कहीं खंडहर में तब्दील न हो जाये. स्वास्थ्य उपकेंद्र के मुख्य दरवाजे के पास पुटुश की कंटीली झाड़ियां उग आयी है. यह झाड़ियां सात से आठ फीट उंची हो चुकी है, जिससे किसी व्यक्ति का प्रवेश तो दूर कोई मवेशी भी इस स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन में पहुंच पाये.
विभाग के नजर में चालू हैं केंद्र: स्वास्थ्य विभाग के नजर में शिलंगी स्वास्थ्य उपकेंद्र चालू है और उसमें एएनएम भी पदस्थापित हैं. यह दावा विभाग के अधिकारी भी करते हैं. बावजूद केंद्र की बदहाली से विभाग के पदाधिकारी वाकिफ नहीं है. वे आवागमन में परेशानी की दलील देते हैं.
कहते हैं कि ऐसे इलाके में कार्य करना चुनौतिपूर्ण है, लेकिन केंद्र खुला रखना और कार्यावधि में सेवा प्रदान करना है.एएनएम सरिता मरांडी से जब प्रभात खबर ने बात की, तब उसने कहा कि वह स्वास्थ्य उपकेंद्र शिलंगी में ही पदस्थापित है. नये भवन में ही स्वास्थ्य उपकेंद्र चलता है. यह भवन कब बना, यह हमें नहीं मालूम. केंद्र चल रहा है.
कुंडापहाड़ी में भी नियमित नहीं खुलता केंद्र : इसी गोपीकांदर प्रखंड के कुंडापहाड़ी में भी स्वास्थ्य उपकेंद्र है. यह केंद्र खुलता है, पर नियमित नहीं. आसपास के लोग भी दबी जुबान से स्वीकार करते हैं कि अस्पताल नहीं खुलता. कभी-कभी ही नर्स आती हैं और टीकाकरण करतीं हैं.
मानव संसाधन की कमी है, इससे परेशानी होती है. फिर भी अगर गोपीकांदर के शिलंगी या कुंडापहाड़ी में पारा मेडिकल स्टाॅफ या डाॅक्टर तैनात हैं और अपनी सेवा नहीं दे रहे हैं, तो उन पर कार्रवाई की जायेगी.
मुकेश कुमार, उपायुक्त, दुमका
फाइलों में चालू है स्वास्थ्य केंद्र, लेकिन लोगों को नहीं मिल रहा लाभ
एएनएम का दावा, इसी नये भवन में संचालित है उपकेंद्र
दो-तीन साल पहले ही भवन हैंडओवर हुआ है. अगर शिलंगी स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र नहीं खुलता है, तो संबंधित कर्मी पर कार्रवाई की जायेगी. उनका वेतन रोका जायेगा. व्यवस्था सुधार के लिए ऐसे एएनएम की वहां प्रतिनियुक्ति की जायेगी, जिनके लिए वहां आवागमन सुलभ हो और केंद्र नियमित खुले.
डॉ बीपी सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, गोपीकांदर

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