दुमका के 15 घाटों में बालू का उठाव शुरू

एनजीटी के आदेश पर 10 जून से थी रोक दुमका : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर माॅनसून अवधि में नदियों से बालू उठाव पर लगायी गयी रोक समाप्त होने के बाद संतालपरगना के विभिन्न बालूघाटों में बालू का उठाव शुरू हो गया है. 10 जून से 15 अक्तूबर तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बालू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2017 11:18 AM
एनजीटी के आदेश पर 10 जून से थी रोक
दुमका : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर माॅनसून अवधि में नदियों से बालू उठाव पर लगायी गयी रोक समाप्त होने के बाद संतालपरगना के विभिन्न बालूघाटों में बालू का उठाव शुरू हो गया है.
10 जून से 15 अक्तूबर तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बालू के उठाव पर रोक लगा रखा था. पहले दिन 16 अक्तूबर को नये फॉर्मेट में माइनिंग चालान उपलब्ध नहीं रहने की वजह से बालू उठाव में दिक्कत हुई. ट्रैक्टर वाले बालू उठाव कराने के लिए घाट पहुंचे, लेकिन माइनिंग चालान न रहने से बालू का उठाव प्रभावित ही रहा.
मंगलवार से चालान मिलने पर बालू का उठाव शुरू हो पाया. उल्लेखनीय है कि दुमका जिले में 20 बालूघाट की बंदोबस्ती की गयी थी, जिसमें से तीन बालूघाटों को अभी पर्यावरणीय सहमति प्राप्त नहीं हुई है, इनमें एक-एक बालूघाट रानीश्वर, शिकारीपाड़ा एवं गोपीकांदर के हैं. रानीश्वर के गोविंदपुर, शिकारीपाड़ा तथा गोपीकांदर के कुश्चिरा के बालूघाट पांच-पांच हेक्टेयर से अधिक के हैं, लिहाजा पर्यावरणीय सहमति राज्य स्तर से दी जानी है, पर इन तीनों घाटों को पर्यावरणीय सहमति नहीं मिल सकी है.
वहीं एक बालूघाट की बंदोबस्ती शर्तों का उल्लंघन करने की वजह से रद‍्द कर दी गयी थी. रद‍्द किये गये जरमुंडी प्रखंड में मोतिहारा नदी पर ठेकचा-घोंघा के बालूघाट को भागलपुर के मेसर्स रुरल डेवलपमेंट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने बंदोबस्त करवाया था.
संप में 20 से अधिक बालूघाट की बंदोबस्ती हुई है रद्द : उपनिदेशक खान अशोक मंडल ने बताया कि संताल परगना में बीस से अधिक बालूघाटों की बंदोबस्ती शर्तों का उल्लंघन किये जाने की वजह से रद‍्द की गयी है, जिसमें अकेले 17 बालूघाट गोड्डा जिले के थे. दुमका व देवघर के भी बालूघाट की बंदोबस्ती रद्द हुई है. शर्तो का पालन अनिवार्य रूप से कराने को कहा गया है. इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतने को कहा गया है.

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