पीसीसी ढलाई व कूप निर्माण में मिली गड़बड़ी

जिप उपाध्यक्ष ने शंकरपुर में की मनरेगा की जांच बासुकिनाथ : जरमुंडी प्रखंड के शंकरपुर पंचायत में मनरेगा के तहत विभिन्न योजनाओं में व्यापक अनियमितता एवं फरजी योजनाओं को क्रियान्वित कर सरकारी राशि का दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है. सोमवार को जिला परिषद उपाध्यक्ष असीम मंडल के नेतृत्व में जिप सदस्य चंद्रशेखर यादव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2017 1:02 AM

जिप उपाध्यक्ष ने शंकरपुर में की मनरेगा की जांच

बासुकिनाथ : जरमुंडी प्रखंड के शंकरपुर पंचायत में मनरेगा के तहत विभिन्न योजनाओं में व्यापक अनियमितता एवं फरजी योजनाओं को क्रियान्वित कर सरकारी राशि का दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है. सोमवार को जिला परिषद उपाध्यक्ष असीम मंडल के नेतृत्व में जिप सदस्य चंद्रशेखर यादव व जयप्रकाश मंडल ने विभिन्न योजनाओं की छानबीन की.
योजना स्थल पर जांच के दौरान पंचायत की बोकला गांव में बनी पीसीसी सड़क पार्ट-1 एवं पार्ट-2 में प्राक्कलन के मुताबिक साढ़े पांच इंच की जगह मात्र दो से ढाई इंच ढलाई की गयी है. उसी पंचायत के बसपुड़िया गांव में पुलिया निर्माण में टॉप में पीसीसी की ढलाई नहीं की गयी है.
वहीं पितका ग्राम में सिंचाई कूप निर्माण योजना में गड़बड़ी हुई है. लाभुक मलिन मरीक के कूप निर्माण की राशि निकासी कर ली गयी है. जबकि लाभुक को भुगतान नहीं गया है. जिप उपाध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद बीपीओ, पंचायत सचिव व रोजगार सेवक ने अागामी 30 अक्तूबर तक लाभुक को राशि भुगतान का लिखित आश्वासन दिया. स्थल निरीक्षण के दौरान कनीय अभियंता वीरेंद्र टुडू, बीपीओ कन्हैयालाल झा, पंचायत सचिव कृष्णा प्रसाद गुप्ता, रोजगार सेवक होपना मरांडी भी उपस्थित थे.
एक ही परिवार को दे दिया पांच सिंचाई कूप
जिप उपाध्यक्ष असीम मंडल ने बताया कि जांच के क्रम में पता चला कि एक ही परिवार के विभिन्न सदस्यों के नाम से पांच मनरेगा सिंचाई कूप की स्वीकृति दी गयी है. मौके पर ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया कि गोचर जमीन पर मनरेगा डोभा का निर्माण कराया गया है. जो जांच का विषय है.
पितका गांव के लाभुक मुकेश मंडल को पूर्व निर्मित मनरेगा सिंचाई कूप पर ही नये कूप निर्माण की स्वीकृति दे दी गयी है. पूर्व निर्मित सिंचाई कूप के ऊपर 8-10 फीट ईंट की जोड़ाई कर 2.12 लाख की राशि की निकासी कर ली गयी है. गत सप्ताह में जांच के क्रम में जनप्रतिनिधियों को मनरेगा योजना में व्यापक अनियमितता एवं लाभुकों की राशि निकासी कर भुगतान नहीं किये जाने की जानकारी का पता चला था.

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