डॉक्टर नहीं, मरीज पीएचसी जाने से कतराते

बदहाली l क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्था चरमरायी , हरिपुर में पीएचसी भवन बनी शोभा की वस्तु बासुकिनाथ : जरमुंडी प्रखंड के हरिपुर बाजार पंचायत की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी है. डाॅक्टर के अभाव में रोगियों का इलाज नहीं हो पा रहा है. विभाग ने लगभग ढाई करोड़ से टेपरा नदी के किनारे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2017 5:38 AM

बदहाली l क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्था चरमरायी , हरिपुर में पीएचसी भवन बनी शोभा की वस्तु

बासुकिनाथ : जरमुंडी प्रखंड के हरिपुर बाजार पंचायत की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी है. डाॅक्टर के अभाव में रोगियों का इलाज नहीं हो पा रहा है. विभाग ने लगभग ढाई करोड़ से टेपरा नदी के किनारे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए भवन बनवा दिया, लेकिन डाॅक्टर नहीं दिया. इस कारण यहां मरीज इलाज कराने नहीं पहुंचते हैं. करोड़ों की लागत से बने इस अस्पताल भवन से लोगों को कोई सुविधा नहीं है. भवन के कई कमरे बनने के बाद से उसका उपयोग तक नहीं हुआ है. डाॅक्टर क्वार्टर, जेनरेटर रूम, पारा मेडीकल स्टाॅफ रूम, ऑपरेशन थियेटर आदि शोभा की वस्तु बनी हुई है.
अस्पताल भवन हो रहा है जर्जर : ग्रामीणों ने बताया कि हरिपुर अस्पताल भवन निर्माण में सही सामग्री का प्रयोग नहीं किया गया है. भवन जहां तहां से खराब हो रहा है. यहां दो डाॅक्टर का पद स्वीकृत है जबकि एक डाॅक्टर की प्रतिनियुक्ति है. आपातकालीन व दुर्घटना की स्थिति में इलाज के अभाव में रोगियों की मौत हो जाती है. चिकित्सा के अभाव में लगभग सभी रोगियों को यहां से रेफर किया जाता है. सरकारी उदासीनता के कारण डाॅक्टर के अभाव में रोगियों का समुचित इलाज नहीं हो पाता. आर्थिक रूप से कमजोर रोगियों की स्थिति और भी खराब हो जाती है. ग्रामीण सीताराम भुंई, मनोज राम, दिवाकर भुंई, बमबम राय बादल गण, श्यामसुंदर मोदी आदि लोगों ने बेहतर चिकित्सा व्यवस्था की मांग की.
क्या कहते हैं चििकत्सा प्रभारी
सरकार द्वारा हरिपुर में भव्य अस्पताल भवन तो बनवा दिया, लेकिन डाॅक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मी की प्रतिनियुक्ति नहीं की गयी. इस नये अस्पताल भवन में रोगी नहीं पहुंचते हैं, बाजार में स्थित पुराना भवन स्वास्थ्य केंद्र में रोगी पहुंचते हैं. प्रखंड में डाॅक्टरों का 19 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से वर्तमान में विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र में छह डाॅक्टर ही कार्यरत हैं. जिसमें से दो डाॅक्टर आयुष के हैं.
डाॅ विजयकांत तिवारी, प्रखंड चिकित्सा प्रभारी, जरमुंडी
ग्रामीण क्या कहते हैं
अस्पताल का बड़ा भवन बना दिया गया, लेकिन डाॅक्टर के नहीं रहने से मरीज का इलाज नहीं हो पाता है. हरिपुर बाजार से बाहर नदी के किनारे पीएचसी बनाया गया है, जहां जाने में भी मरीजों को परेशानी होती है.
– सुरेश महतो
इस अस्पताल में कोई मरीज इलाज कराने नहीं पहुंचते है. ढाई करोड़ की लागत से बने इस अस्पताल से कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
– चुनचुन महतो
सरकार को ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान देनी चाहिए. भवन बनाये जाने से रोगियों का इलाज नहीं होता, डाॅक्टर की भी प्रतिनियुक्ति जरूरी है.
– चायना देवी
स्वास्थ्य कर्मी कभी कभी इस अस्पताल भवन को खोलता है फिर बंद कर चले जाता है अस्पताल नदी किनारे एकांत में बना है.
– वामदेव दत्ता

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