कार्रवाई. डिग्री दिलाने के नाम पर दर्जनों छात्रों से वसूली, उग्र हुए छात्र, पुलिस ने दर्ज किया एफआइआर
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ठगी मामले में एमआइटी का संचालक पकड़ाया
कार्रवाई. डिग्री दिलाने के नाम पर दर्जनों छात्रों से वसूली, उग्र हुए छात्र, पुलिस ने दर्ज किया एफआइआर एक दर्जन छात्रों से बीएड की डिग्री दिलाने के नाम पर वसूले सात लाख पैसे लिये पर नहीं दिलवायी परीक्षा बेटियों को नर्सिंग का प्रशिक्षण दिलाने के नाम पर ठगी का शिकार हुई भागलपुर की महिला महिला […]
एक दर्जन छात्रों से बीएड की डिग्री दिलाने के नाम पर वसूले सात लाख
पैसे लिये पर नहीं दिलवायी परीक्षा
बेटियों को नर्सिंग का प्रशिक्षण दिलाने के नाम पर ठगी का शिकार हुई भागलपुर की महिला
महिला ने दिये 1.70 लाख रुपये का दिया चेक
दुमका : दुमका शहर से सटे मोरटंगा इलाके में एमआइटी नामक संस्थान के संचालक पवन कुमार के खिलाफ दर्जनों लोगों से तकरीबन सात से दस लाख रुपये तक की ठगी कर लिये जाने का मामला नगर थाना तक पहुंचा है. शिकायतकर्ता थाने में आवेदन देकर पैसा वापस दिलाने की मांग कर रहे थे. पर आज पैसे नहीं देने पर उसके खिलाफ युवाओं ने ठगी की शिकायत लिखकर दे दी, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और प्राथमिकी दर्ज करके संचालक पवन को हाजत में डाल दिया है. इंस्पेक्टर अजय कुमार केशरी ने बताया कि गुरुवार को उसे न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया जायेगा.
बीएड, बीटी, नर्सिंग ट्रेनिंग कराने को लेता था पैसे
पवन पिछले कुछ वर्षो से संस्थान चला रहा है और राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल सहित दूसरे राज्यों से बीटी, बीएड, नर्सिंग आदि कराने का काम करता था. दर्जन भर छात्र और युवा भीड़ की शक्ल में शिकायत लेकर नगर थाना पहुंचे. इन छात्रों ने बताया कि उन्हें राजस्थान के चुरू के ओपीजेएस विश्वविद्यालय से बीएड-बीटी कराने के नाम पर करीब सात लाख रुपया हड़प लिया गया है. पवन ने वर्ष 15 में इन छात्रों से परीक्षा दिलाने के नाम पर पैसा लिया था लेकिन अभी तक किसी तरह की परीक्षा नहीं दिलायी. थाना में करीब दो घंटे से अधिक चले ड्रामे के बाद पुलिस ने उसे अंतत: हिरासत में ले लिया.
11 साल से चल रहा है डिग्री देने का संस्थान
दुमका के मोरटंगा में वह लोगों से बीएड, नर्सरी टीचर ट्रेनिंग के अलावा नर्सिंग की कोर्स कराता है. पैसे देने वालों के मुताबिक उसे केवल परीक्षा देने के बाद डिग्री मिल जाने का आश्वासन दिया गया था. शिक्षक बनने का सपना संजोये इन दर्जन भर युवाओं से करीब सात लाख रुपया लिया लेकिन आज तक इनकी परीक्षा नही करायी. दो साल से वह लगातार पैसा देने को आज कल का बहाना बनाकर टालते आ रहा था. युवकों ने जब उक्त विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों से परीक्षा लेने की बात कही तो बताया गया कि वर्ष 2015 की परीक्षा 2015 में और 2016 की परीक्षा 2016 में हो गई. ठगे जाने का एहसास हो चुके ये छात्र पहले पैसे मांग रहे थे. पैसे न मिलने पर केस करने का मन बनाया.
पैसे लेने की बात स्वीकारी
थाना पहुंचने से पूर्व युवाओं ने पवन को घेरा था. इन युवाओं को तब उसने पैसे लौटाने को लेकर एक शपथ पत्र दिया था, जिसमें लिखा कि वह विजय ठाकुर का 10 हजार, पवन कुमार का 15 हजार, अरविंद ठाकुर का 27 हजार,आलोक साह का 25 हजार,नयन वैद्य का 30 हजार, नंद किशोर का 30हजार, अनिल कुमार का 30 हजार, सुनील कुमार का 25 हजार, मंजन शर्मा का 35 हजार, गोपाल साह का 15 हजार, रवि रंजन का एक लाख, विकास शर्मा 65 और रानी बेगम का 60 हजार रुपया बुधवार की शाम तक लौटा देगा.
पैसे लेने की बात स्वीकारी
थाना पहुंचने से पूर्व युवाओं ने पवन को घेरा था. इन युवाओं को तब उसने पैसे लौटाने को लेकर एक शपथ पत्र दिया था, जिसमें लिखा कि वह विजय ठाकुर का 10 हजार, पवन कुमार का 15 हजार, अरविंद ठाकुर का 27 हजार,आलोक साह का 25 हजार,नयन वैद्य का 30 हजार, नंद किशोर का 30हजार, अनिल कुमार का 30 हजार, सुनील कुमार का 25 हजार, मंजन शर्मा का 35 हजार, गोपाल साह का 15 हजार, रवि रंजन का एक लाख, विकास शर्मा 65 और रानी बेगम का 60 हजार रुपया बुधवार की शाम तक लौटा देगा.
कल्पना को मिले चेक, पर खाते में नहीं था पैसा
नगर थाना में एक सामाजिक कार्यकर्ता की पहल पर पैसे वापसी के लिए बात चल ही रही थी, तभी भागलपुर के जीरोमाइल की रहने कल्पना कुमारी भी थाने पहुंच गई. उन्होंने पुलिस को बताया कि उसने अपनी दो बेटियों को नर्सिग करा रही है. इसके लिए उसने तकरीबन तीन लाख रुपये दिया था. बाद में एक और बेटी को नर्स की ट्रेनिंग कराने के लिए 40 हजार एडमिशन के लिए दिया, पर उसका एडमिशन भी नहीं हुआ. बड़ी बेटी को लेकर कल्पना के पति परीक्षा दिलाने के लिए गये,
तो पता चला कि फी ही जमा नहीं हुआ, इसलिए एडमिट कार्ड जारी नहीं किया गया. वहां उसे नगद पैसे देकर परीक्षा देनी पड़ी. लौटने के बाद पैसे का तकादा करने पर उसे 1 लाख व 70 हजार के दो चेक थमा दिये गये. एक में डेट जनवरी 2018 का और दूसरे में डेट डाला हुआ नहीं था. बैंक में लेकर कल्पना गयी, तो पता चला कि खाते में उसके पैक्से ही नहीं हैं. इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने पवन को हिरासत में लिया और कार्रवाई तेज कर दी.
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