बाजारों में खूब हुई आभूषणों की खरीदारी
बाजारों में देखी गयी चहल-पहल दुमका : शहर के विभिन्न मंदिरों में अक्षय तृतीया को लेकर महिलाओं की भीड़ बनी रही. धर्मस्थान, शिवपहाड़, गोपाल मंदिर एवं पगला बाबा मंदिर में महिलाओं ने भगवान के साथ अपने इष्ट देवी-देवताओं का अर्चना की. इसके बाद धर्मस्थान में महिलाओं द्वारा हवन कर अक्षय तृतीया की पूजा को संपन्न […]
बाजारों में देखी गयी चहल-पहल
दुमका : शहर के विभिन्न मंदिरों में अक्षय तृतीया को लेकर महिलाओं की भीड़ बनी रही. धर्मस्थान, शिवपहाड़, गोपाल मंदिर एवं पगला बाबा मंदिर में महिलाओं ने भगवान के साथ अपने इष्ट देवी-देवताओं का अर्चना की. इसके बाद धर्मस्थान में महिलाओं द्वारा हवन कर अक्षय तृतीया की पूजा को संपन्न किया. वहीं बाजार रीति-रिवाज के अनुसार लोगों ने सोने के आभूषण भी खरीदे. पुरोहित विक्रम झा ने बताया कि पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है. इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है. वैसे तो सभी 12 महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, लेकिन वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहुर्त में मनायी गयी है. अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त होने के कारण शादी के लिए शुभ दिन माना जाता है.