आइसीयू में दो-दो वेंटिलेटर, मरीजों को लाभ नहीं
दुमका : उपराजधानी दुमका के सदर अस्पताल में अनुभवी चिकित्सक व पारा मेडिकल कर्मियों के कमी के कारण आइसीयू में भर्ती मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पाती है. इसलिए गंभीर मरीजों की स्थिति और आवश्यकता को देखते हुए रेफर करना विवशता भी बन जाया करता है. सदर अस्पताल में आइसीयू वार्ड शुरू होने […]
दुमका : उपराजधानी दुमका के सदर अस्पताल में अनुभवी चिकित्सक व पारा मेडिकल कर्मियों के कमी के कारण आइसीयू में भर्ती मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पाती है. इसलिए गंभीर मरीजों की स्थिति और आवश्यकता को देखते हुए रेफर करना विवशता भी बन जाया करता है. सदर अस्पताल में आइसीयू वार्ड शुरू होने के समय मरीजों की सुविधा और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा दो वेंटिलेटर मंगवाया गया था. करीब दो साल बीत जाने के बाद भी अबतक मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पाया. आइसीयू में वेंटिलेटर नहीं चालू रहने के कारण कई बार मरीजों की हालत बिगड़ जाती है,
जिससे उसकी मौत तक हो जाती है. आर्थिक रूप से कमजोर लोग निजी अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते हैं. वेंटिलेटर में वैसे मरीजों को रखा जाता है जिनकी स्थिति नाजुक होती है. वेंटिलेटर के माध्यम से मरीजों को कृत्रिम सांस दी जाती है. ताकि गंभीर स्थिति में मरीजों का इलाज किया जा सके. टेकस्टोमी ट्यूब लगाकर मरीजों को कृत्रिम सांस दिया जाता है. वेंटिलेटर में मरीज को रखने से इलाज के लिए चिकित्सकों को वक्त मिलता है.