सर्किट हाउस में आज लगेगी महिला आयोग की खुली अदालत

दुमका : दुमका में बुधवार को राज्य महिला आयोग आयोग आपके द्वार कार्यक्रम के तहत खुली अदालत का आयोजन करेगा. उम्मीद जाहिर की जा रही है कि महिलाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए चल प्रयास में यह महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी. पूर्वाह्न 11:00 बजे से ओपेन कोर्ट (खुली अदालत) का आयोजन किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2018 5:27 AM

दुमका : दुमका में बुधवार को राज्य महिला आयोग आयोग आपके द्वार कार्यक्रम के तहत खुली अदालत का आयोजन करेगा. उम्मीद जाहिर की जा रही है कि महिलाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए चल प्रयास में यह महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी. पूर्वाह्न 11:00 बजे से ओपेन कोर्ट (खुली अदालत) का आयोजन किया जाना है. इसमें दुमका, गोड्डा व जामताड़ा के पूर्व से दर्ज मामलों की सुनवाई की जायेगी. कोई भी पीड़ित महिला अपनी शिकायत आयोग के समक्ष रख सकती हैं.

दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न: इससे पूर्व राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित कानूनी जागरूकता संबंधित दो दिवसीय कार्यशाला इंडोर स्टेडियम में संपन्न हुई. इसमें महिलाओं को कानूनी जानकारी दी गयी. उनके हक के बारे में भी उन्हें बताया गया. कार्यशाला में सदस्य प्रो शर्मिला सोरेन, आरती राणा, पूनम प्रकाश, अवर सचिव चंद्रशेखर झा व आप्त सचिव रानी कस्तूरी मौजूद थे.
सेंट्रल जेल पहुंची राज्य महिला आयोग, जताया संतोष : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण के नेतृत्व में आयोग की टीम ने मंगलवार को दुमका सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया. उन्होंने जेल में साफ-सफाई व अन्य सुविधाओं का जायजा लिया. व्यवस्था पर संतोष प्रकट किया. श्रीमती शरण ने बताया कि सेंट्रल जेल में एक युवती ने अपनी बात उन तक पहुंचायी. बताया कि किस तरह एक युवक ने उससे प्यार किया और शारीरिक शोषण करने के बाद शादी से इनकार कर दिया. इस बात से नाराज होकर उसने प्रेमी को धक्का दे दिया. इससे उसकी मौत हो गयी थी. वह खुद अपराध स्वीकार कर रही है.
बावजूद उसके साथ माता-पिता को भी आरोपित बना कर जेल भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि माता-पिता को जेल से आजाद कराने के लिए विधिक सेवा प्राधिकार की मदद ली जायेगी. सेंट्रल जेल का निरीक्षण करने के बाद परिसदन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यौन शोषण के बाद शादी से इनकार करने के बाद युवती का गुस्सा होना गलत नहीं है. गुस्से में प्रेमी को धक्का दे दिया. उसकी जान चली गयी. उसके माता पिता को इस केस में कोई लेना देना नहीं था,
पर आज माता-पिता भी जेल में डाल दिये गये हैं. उन्होंने बताया कि दुमका के जेल में करीब दो दर्जन महिलाएं अपराध में सजा काट रही हैं. उन्होंने जेल की व्यवस्था पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि जेल में महिला कैदियों को जरूरी सुविधाएं दी जा रही है. महिला कैदी बिल्कुल सुरक्षित है. कौशल विकास के तहत महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने पर भी उन्होंने जोर दिया.

Next Article

Exit mobile version