जरमुंडी : देवघर-बासुकिनाथ मुख्य मार्ग को तीन घंटे किया जाम, प्रदर्शन
पुलिस ने 81 बंद समर्थकों को किया गिरफ्तार बासुकिनाथ : भूमि अधिग्रहण बिल संशोधन के खिलाफ विपक्षी दलों के राज्यव्यापी बंद का असर जरमुंडी में भी दिखने को मिला. जरमुंडी बजरंगबली मोड़ पर देवघर-बासुकिनाथ मुख्य मार्ग पर झामुमो, झाविमो, राजद व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जाम कर प्रदर्शन किया. बीडीओ राजेश डुंगडुंग, सीओ विकास कुमार […]
पुलिस ने 81 बंद समर्थकों को किया गिरफ्तार
बासुकिनाथ : भूमि अधिग्रहण बिल संशोधन के खिलाफ विपक्षी दलों के राज्यव्यापी बंद का असर जरमुंडी में भी दिखने को मिला. जरमुंडी बजरंगबली मोड़ पर देवघर-बासुकिनाथ मुख्य मार्ग पर झामुमो, झाविमो, राजद व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जाम कर प्रदर्शन किया. बीडीओ राजेश डुंगडुंग, सीओ विकास कुमार त्रिवेदी व पुलिस निरीक्षक विष्णु प्रसाद चौधरी के उपस्थिति में पार्टी कार्यकर्ताओं ने तीन घंटे रोड जाम किया. प्रशासन की सख्ती के कारण कार्यकर्ता सहमे दिखे.
नतीजा कोई हिंसक वारदात नहीं हो सकी. सुबह से ही अंचलाधिकारी, बीडीओ व पुलिस निरीक्षक अन्य पुलिस बल के साथ रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड एवं बाजार का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेते रहे. देवघर बासुकिनाथ व दुमका जानेवाली पैसेंजर वाहनों का परिचालन ठप रहा. पुलिस ने झामुमो के पांचु दास, विश्वनाथ राय, रसिक टुडू, मंटू लाहा, नित्यानंद, जयकांत मंडल, चंद्रशेखर यादव, जयप्रकाश शर्मा, सुबोध मिश्रा, कुंदन पत्रलेख, डाॅ अमित झा, श्यामसुंदर मोदी, सीताराम मंडल, अमित कुमार, बंटी राव, सेतु भगत, अनुज कुमार, मुकेश यादव समेत 81 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया.
दुमका आसपास
दुमका जिले के लगभग सभी प्रमुख मार्ग व चौक-चौराहों में यात्री शेड का निर्माण पिछले एक-दो दशक पहले किया गया था, लेकिन उन यात्री शेड की सुधि आज कोई नहीं ले रहा. न तो प्रशासन और न ही जन प्रतिनिधि. ऐसे में इसका लाभ राहगीरों-यात्रियों को तो नहीं, अवैध कब्जा करने वाले अतिक्रमणकारियों, जुआ खेलने वाले-नशा करने वाले असामाजिक तत्वों, गलत धंधा करनेवाले कारोबारियों के द्वारा उठाया जा रहा है. दुमका के पोखरा चौक में बना एक यात्री पड़ाव को तो दुकान की शक्ल दे दी गयी है.
रातों रात इसमें शटर लगवा दिये गये, अब तो ऐसी सूरत बदल दी गयी है कि वह यात्री शेड कभी रहा भी था, उसका पता लगा पाना कठिन हो गया है. कई यात्री शेड जर्जर हैं, इसकी बनने के बाद मरम्मत नहीं हुई, कई के रंग-रोगन कराने की आज जरूरत है, ताकि बरसात में अथवा आनेवाले श्रावण के महीने में कांवरियों को-यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े. प्रस्तुत है आनंद जायसवाल की यह रिपोर्ट.