भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन वापस हो

दुमका : भाकपा-माले के राज्य कमेटी व हूल झारखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन सचिव शंभु महतो के नेतृत्व में दिया. कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन के माध्यम से राज्यपाल को स्मार पत्र भेजा. इस आंदोलन के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के प्रस्ताव को निरस्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2018 6:38 AM
दुमका : भाकपा-माले के राज्य कमेटी व हूल झारखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन सचिव शंभु महतो के नेतृत्व में दिया. कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन के माध्यम से राज्यपाल को स्मार पत्र भेजा. इस आंदोलन के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के प्रस्ताव को निरस्त करने, पेसा कानून को लागू करने, आदिवासी-मूलवासी की जमीन को छोटानागपुर संताल परगना कास्तकारी अधिनियम के तहत वापस करने, भूमिहीन गरीब किसान को खेती लायक जमीन उपलब्ध कराने, सरना को धर्म कोड देने की अनुशंसा करने, वर्तमान में जारी स्थानीय नीति को खारिज कर आदिवासी मूलवासी के हित में प्रखंड स्तरीय स्थानीय नीति बनाने, महिलाओं को पुरुष के साथ जमीन पर मालिकाना अधिकार देने एवं धर्म परिवर्तन की स्वतंत्रता पर लगे रोक से संबंधित बिल को निरस्त करने की मांग की गयी.
श्री महतो ने कहा कि झारखंड के आदिवासी-मूलवासी अपने प्राकृतिक संसाधनों और स्वशासन की रक्षा के लिए पिछले 200 साल से संघर्ष कर रहा है और यह समाज आज भी संघर्षशील है. केंद्र व राज्य सरकार आदिवासी बहुल क्षेत्र की विशिष्टता को समझे वगैर औपनिवेशिक विकास के माध्यम से समाधान खोज रही है, जो आदिवासियों के विनाश का कारण बना हुआ है. यहां की अनूठी आर्थिक, सामाजिक सांस्कृतिक संरचना के कारण ही लंबे संघर्ष के बाद अंग्रेजी हुकूमत यहां कास्तकारी अधिनियम बनाने को मजबूर हुई थी.
जबकि भारत की पहली सरकार ने आदिवासियों के लिए पंचशील सिद्धांत का निर्माण किया था. संविधान में पांचवीं और छठी अनुसूची बनाकर ऐसे क्षेत्र की रक्षा के लिए राज्यपाल को सरकार से भी ज्यादा शक्ति प्रदान की गयी थी. पर आज इस क्षेत्र में स्वशासन का अधिकार दम तोड़ रहा है. श्रम आधारित प्रकृति के साथ जीवन यापन करने वाला समानता, सामूहिकता और भाईचारा वाले समाज को ऐसी नीति दूसरी ओर ले जा रही है. धरना सभा को हूल झारखंड क्रांति दल के महासचिव बाबूधन मुर्मू, उपाध्यक्ष राज मरांडी, मंगल मरांडी, कमल किशोर यादव, शंभु महतो आदि ने संबोधित किया.

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