दुमका को सिल्क सिटी बनाने पर जोर

दुमका : समाज कल्याण व बाल विकास मंत्री डाॅ लोइस मरांडी ने रेशम भवन दुमका में आयोजित एक कार्यक्रम में दुमका को सिल्क सिटी के तौर पर विकसित करने की बात कही. उन्होंने कहा कि दुमका जिला कोकुन के उत्पादन में पूरे राज्य में प्रथम स्थान रखता है. सिल्क का बाजार बहुत बड़ा है. मार्केट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2018 5:07 AM

दुमका : समाज कल्याण व बाल विकास मंत्री डाॅ लोइस मरांडी ने रेशम भवन दुमका में आयोजित एक कार्यक्रम में दुमका को सिल्क सिटी के तौर पर विकसित करने की बात कही. उन्होंने कहा कि दुमका जिला कोकुन के उत्पादन में पूरे राज्य में प्रथम स्थान रखता है. सिल्क का बाजार बहुत बड़ा है. मार्केट की कमी नहीं है. आवश्यकता है हमें गुणवत्तापूर्ण प्रोडक्ट तैयार करने की. महिलाओं को इस क्षेत्र से जोड़े और उन्हें स्वावलंबी बनायें. इस कार्य से क्षेत्र में धागाकरण कार्य से जुड़ी महिला समूहों की आमदनी में अप्रत्याशित आमदनी की संभावना है.

उन्होंने कहा कि यहां कि महिलाओं ने कभी सोचा भी नहीं था कि वे तसर कीटपालन करने के अलावा उससे धागा निकालने और फिर उसका कपड़ा बुनने का काम कर पायेंगी. उन्होंने कहा कि मोमेंटम झारखंड और प्रधानमंत्री के स्टार्ट अप का ही प्रभाव है कि आज ऐसी मशीनों से महिलाएं मुखातिब हो रही हैं और मूल्य संवर्द्धन का लाभ पाने की ओर अग्रसर हुई हैं.

गुणवत्ता पर ध्यान देने व बाजार उपलब्ध कराने पर हुआ मंथन
आइआइएम के वरिष्ठ शोध कर्मी डॉ सीएम मिश्रा ने कहा कि हमें तसर को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थापित करने हेतु गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता है. महिलाओं के आत्मनिर्भरता व उनके विकास में दुमका का तसर उद्योग मील का पत्थर साबित हो सकता है. ग्रामीण अर्थ व्यवस्था पर इसका सकारात्मक प्रभाव दिखेगा. कहा कि मूल्य संवंर्द्धन कर महिला रेशम धागाकारों की आमदनी में वृद्धि हो सकेगी. आदिवासियों द्वारा रेशम कीटपालन से लेकर उसके धागाकरण, वस्त्र बुनाई तथा मयुराक्षी सिल्क के ब्रांड के तौर पर वस्त्र निर्माण से लेकर उसके विपणन के इस स्टार्टअप, जो ट्राईबल टू ग्लोबल के रूप में कार्य कर रहा है, डॉ मिश्रा उसकी केस स्टडी भी कर रहे हैं. केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान नगड़ी रांची के निदेशक अजीत कुमार सिंह के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम को सहायक उद्योग निदेशक (रेशम)सुधीर कुमार सिंह ने भी संबोधित किया. कार्यशाला में प्रेम कुमार गुप्ता, मो खादिम अतिम, मो नईम उद्दीन, धनेश्वर दास, राम नगीना, शांता गिरी आदि मौजूद थे.

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