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दुमका की दो अविवाहित मां के बच्चे को बेचने का हुआ खुलासा छह और मामलों में सीडब्ल्यूसी को करना है सत्यापन दुमका : रांची में मिशनरीज ऑफ चैरिटी निर्मल हृदय में बच्चों की खरीद-फरोख्त के मामले सामने आने के बाद दुमका से जुड़े आठ मामलों की पड़ताल तेज कर दी गयी है. दो मामलों में […]
दुमका की दो अविवाहित मां के बच्चे को बेचने का हुआ खुलासा
छह और मामलों में सीडब्ल्यूसी को करना है सत्यापन
दुमका : रांची में मिशनरीज ऑफ चैरिटी निर्मल हृदय में बच्चों की खरीद-फरोख्त के मामले सामने आने के बाद दुमका से जुड़े आठ मामलों की पड़ताल तेज कर दी गयी है. दो मामलों में यह बात सामने आयी है कि अविवाहित लड़कियों का प्रसव होने के उपरांत उनके शिशुओं को उनसे अलग कर दिया गया था और उन्हें उनके शिशु को नहीं सौंपा गया. बाल कल्याण समिति दुमका ने दो मामलों में ऐसी अविवाहित माताओं का बयान लिया है. बयान में यह खुलासा उन्होंने किया है कि 2016 में तीन महीने तक उन्हें निर्मल हृदय में रखा गया था और प्रसव के उपरांत उन्हें उनके बच्चे दिये बगैर वापस भेज दिया गया. ये अविवाहित लड़कियां गर्भपात कराने के मकसद से निर्मल हृदय तक पहुंची थी, पर चार-पांच महीने का गर्भ रहने की वजह से उन्होंने वहां उनको रख लिया था.
रांची में नहीं पेश किये गये थे इनके बच्चे : रांची में जब वहां बाल कल्याण समिति ने मामले की जांच शुरू की थी, तब मिशनरीज ऑफ चैरिटी निर्मल हृदय द्वारा इन अविवाहित माताओं द्वारा जन्में गये बच्चों को प्रस्तुत नहीं किया गया था. संस्था द्वारा यह जानकारी दी गयी थी कि ये बच्चे अपनी माताओं के साथ वापस लौट गये हैं. लेकिन जब वहां बच्चों के खरीद-फरोख्त का मामला सामने आने लगा, तब यह आशंका जाहिर करते हुए दुमका के डीसी-एसपी को रांची के डीसी द्वारा पत्र भेजा गया कि कहीं इन बच्चों को भी अपनी जैविक माताओं से विलग कर अन्यत्र बेच तो नहीं दिया गया. इसलिए इनके मामलों का सत्यापन हो. पत्र में जिन आठ अविवाहित माताओं का जिक्र किया गया है, उनमें से छह जामा थाना क्षेत्र के, एक टोंगरा व एक रामगढ़ थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं. सभी आदिवासी हैं.
निर्मल हृदय रांची में आठ लड़की दुमका की थी. एक लड़की का बयान लिया गया है. उसने बयान में कहा कि वह रांची गर्भपात कराने गयी थी. बच्चे के जन्म के बाद उसे रख लिया गया.