SP अमरजीत बलिहार हत्याकांड : सुखलाल मुर्मू और सनातन बास्की को फांसी की सजा

दुमका : दुमका के चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश तौफीकुल हसन की विशेष अदालत ने बुधवार को तत्कालीन पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार के अलावा 5 पुलिस कर्मियों की हत्या मामले में प्रवीर दा उर्फ सुखलाल मुर्मू और सनातन बास्की उर्फ ताला दा को फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि जो घटना घटी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2018 4:51 PM

दुमका : दुमका के चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश तौफीकुल हसन की विशेष अदालत ने बुधवार को तत्कालीन पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार के अलावा 5 पुलिस कर्मियों की हत्या मामले में प्रवीर दा उर्फ सुखलाल मुर्मू और सनातन बास्की उर्फ ताला दा को फांसी की सजा सुनाई है.

अदालत ने कहा कि जो घटना घटी वह जघन्यतम अपराध है. एक आईपीएस के साथ ऐसी घटना हुई तो समाज का कोई व्यक्ति कैसे सुरक्षित रहेगा. अगर इन्हें छोड़ दिया जाय तो ये फिर से ऐसे अपराध करेंगे. इसलिए इन्हें दुनिया में रहने का कोई अधिकार नही है. इसलिए इन्हें मौत की सजा सुनाई जा रही है. गौरतलब है कि इस केस में पांच अभियुक्तों वकील हेम्ब्रम, लोबीन मुर्मू, सत्तन बेसरा, मारबेल मुर्मू और मारबेल मुर्मू-2 को अदालत ने 6 सितंबर को बरी कर दिया था.

सभी अभियुक्‍तों पर धारा 147, 148, 149, 326, 307, 379, 302, 427, 27 शस्त्र अधिनियम और 17 सीएलए के तहत प्रवील दा, ताला दा, दाउद, जोसेफ और 25 से 30 अज्ञात के खिलाफ कांड सं. 55/13 के तहत काठीकुंड थाने में मामला दर्ज किया गया था.

इसे भी पढ़ें…

एसपी की हत्या के आरोपी प्रवीर दा को मृत्युदंड से बचाने के लिए वकील ने दी यह दलील

इस केस में सात अभियुक्तों का ट्रायल चला, जिसमें प्रवील दा उर्फ सुखलाल मुर्मू, वकील हेम्ब्रम, मानवेल मुम, मानवेल मुर्मू-2, सत्तन बेसरा, सनातन बास्की उर्फ ताला दा शामिल थे. हत्याकांड में कुल 31 गवाहों का बयान कोर्ट में दर्ज किया गया था.

इस केस में बुधवार को पहले सजा के बिंदु पर बहस हुई जिसमें बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजा खान, अवध बिहारी सिंह, केएन गोस्वामी ने कम सजा देने की अपील की. जबकि अभियोजन की ओर से एपीपी ने इसे रेयरेस्ट ऑ दि रेयर केस बताते हुए फांसी की सजा देने को न्यायोचित बताया.

* 2 जुलाई 2013 की है घटना

ज्ञात हो कि 2 जुलाई 2013 को दुमका में डीआईजी कार्यालय में बैठक के बाद एसपी अमरजीत बलिहार दो वाहनों से पाकुड़ लौट रहे थे. तभी घात लगाये काठीकुंड के आमतल्ला के पास नक्सलियों ने एके 47, इंसास रायफल और एएसएलआर से ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी. इसमें एसपी अमरजीत बलिहार के अलावा 5 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.

* जहानाबाद में हुई थी पहली पोस्टिंग

14 अक्‍टूबर 1960 को जन्‍मे अमरजीत ने 1983 में एमए किया. साल 1986 में उन्‍होंने बीपीएससी परीक्षा पास की. बतौर डीएसपी पहली पोस्टिंग जहानाबाद में हुई. इसके बाद मुंगेर, खूंटी, जहानाबाद, पटना, राजगीर, हवेली खडग़पुर, लातेहार, चक्रधरपुर और फिर रांची में पोस्टिंग हुई.

2003 में आईपीएस हुए और जैप वन में डिप्टी कमांडेंट बने. मई 2013 में उन्हें पाकुड़ का एसपी बनाया गया था. उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ काफी कड़े कदम उठा थे. इसी वजह से पाकुड़ में पोस्टिंग के समय से ही वे नक्सलियों के निशाने पर थे.

Next Article

Exit mobile version