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जनजातीय आयोग नहीं, जनजातीय मंत्रालय बनायें मुख्यमंत्री : सुदेश महतो

– पहले से बने ओबीसी और अल्पसंख्यक आयोग के प्रस्तावों पर क्या किया यह भी बताएं संवाददाता, दुमका आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने दुमका में मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में अनुसूचित जनजाति आयोग के गठन के एलान पर कहा है कि सरकार को आयोग नही केंद्र की तर्ज पर जनजातीय मंत्रालय बनाना चाहिए. […]

– पहले से बने ओबीसी और अल्पसंख्यक आयोग के प्रस्तावों पर क्या किया यह भी बताएं

संवाददाता, दुमका

आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने दुमका में मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में अनुसूचित जनजाति आयोग के गठन के एलान पर कहा है कि सरकार को आयोग नही केंद्र की तर्ज पर जनजातीय मंत्रालय बनाना चाहिए. उन्होंने दुमका में मीडिया से बातचीत में कहा कि आयोग को लेकर ऐसी घोषणाएं पहले भी हुईं हैं और कई आयोग पहले भी गठित हुए हैं, ओबीसी आयोग बना है, जिसने 27 प्रतिशत आरक्षण की वकालत की है. क्या सरकार ने इस विषय को लेकर कोई निर्णय लिया? इन सारे विषयों को भी जनता को बताना चाहिए.

उन्‍होंने कहा कि सरकार पहले से बने अल्पसंख्यक आयोग के प्रस्तावों को तबज्जो भी नहीं दे रही है. सरकार की प्राथमिकता इन विषयों के उद्देश्यों की पूर्ति को लेकर होनी चाहिए, उनके प्रस्तावों पर मुहर लगाना चाहिए.

जिनमें छह महीने में होना था काम, वह अब कर रही है सरकार

आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि सरकार को जिन बुनियादी चीजों पर काम शुरुआत के छह महीने में करना चाहिए, वह अंतिम समय में करने की घोषणा रही है. सरकार को पांच साल की कार्ययोजना तैयार कर काम करना चाहिए था, पर चार साल बीत जाने पर भी वह ऐसा नहीं कर पा रही है.

पारा शिक्षक, राजस्व व मनरेगा कर्मी महत्वपूर्ण अंग, सरकार अभिभावक की भूमिका में आये

सुदेश महतो ने कहा कि आज महीने भर से हड़ताल पर रहने वाले पारा शिक्षक, राजस्व कर्मी, मनरेगा कर्मी ये सभी सरकार के महत्वपूर्ण अंग है, धरातल तक विकास को यही पहुंचाते हैं. यही सरकार के टीम के मुख्य खिलाड़ी हैं, इनका हौसला गिराकर काम नहीं हो सकता. सरकार सफल नहीं हो सकती, सरकार अभिभावक की भूमिका में आये. श्री महतो ने कहा कि इन विषयों को लेकर उनके लोगों ने सरकार को अल्टीमेटम भी दिया हुआ है.

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