दुमका : झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने कहा है कि तीर-धनुष आदिवासियों की पहचान से जुड़ा हुआ है, इसलिए संताल-आदिवासी तीर-धनुष हमेशा अपने साथ रखें. ठीक उसी प्रकार, जिस प्रकार सिख अपनी पगड़ी के साथ कृपाण रखते हैं. श्री सोरेन ने दुमका क्लब में गुरुवार को झामुमो की प्रमंडलीय बैठक को संबोधित कर रहे थे.
गुरुजी ने कहा : दो फरवरी को झारखंड मुक्ति मोर्चा का 41वां स्थापना दिवस सह झारखंड दिवस है. इस मौके पर आयोजित होनेवाला कार्यक्रम में आदिवासी अपने पारंपरिक परिधान में शामिल हों. श्री सोरेन ने कहा कि सामाजिक नियम में बहुत शक्ति है. आदिवासी भी अपनी परंपरा, संस्कृति और पहचान को कायम रखें. वे 24 घंटे तीर-धनुष साथ रखें.
चाहे ससुराल जा रहे हों, हाट बाजार या फिर जंगल, तीर-धनुष लेकर चलें. यह हल्का भी होता है. धनुष डंडे का भी काम करेगा. पांच-सात तीर रखें, तो वह गोलियों की तरह काम करेगा. आपसे दुश्मन डरेगा. जंगली जानवर भी डरेंगे. बाघ सामने आ जाने पर आप उसे नमस्ते भी करेंगे तो वह नहीं छोड़ेगा. आपको फाड़ देगा. जानवर को भी पता होता है कि तीर-धनुष क्या चीज है. आदिवासी हैं तीर-धनुष लेकर चलेंगे, तो आपका नाम होगा, आलोचना नहीं. अब आदिवासी इसे घर में भी नहीं रखते हैं, यह दुखद है.
बैठक को राजमहल सांसद विजय हांसदा, वरिष्ठ नेता साइमन मरांडी, झारखंड युवा मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत सोरेन, विधायक प्रो स्टीफन मरांडी, हाजी हुसैन अंसारी, नलिन सोरेन, लोबिन हेंब्रम, दिनेश मरांडी, पूर्व विधायक शशांक शेखर भोक्ता आदि ने संबोधित किया. बैठक का संयोजन प्रमंडलीय संयोजक विजय कुमार सिंह ने किया.