झामुमो का राजनीतिक प्रस्ताव : सीएए और एनआरसी नहीं हो लागू, खतियान हो स्थानीयता का आधार

राज्य में पूर्ण नशाबंदी की उठी मांग दुमका : सत्ताधारी झामुमो ने अपने 41 वें झारखंड दिवस पर रविवार को गांधी मैदान के मंच से विभिन्न मुद्दों को प्रस्ताव के तौर पर पारित कर सरकार के समक्ष रखा. जनसभा में 58 सूत्री प्रस्ताव पारित किये गये. प्रमुख मांगों में एसपीटी व सीएनटी एक्ट को सख्ती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2020 8:00 AM
राज्य में पूर्ण नशाबंदी की उठी मांग
दुमका : सत्ताधारी झामुमो ने अपने 41 वें झारखंड दिवस पर रविवार को गांधी मैदान के मंच से विभिन्न मुद्दों को प्रस्ताव के तौर पर पारित कर सरकार के समक्ष रखा. जनसभा में 58 सूत्री प्रस्ताव पारित किये गये.
प्रमुख मांगों में एसपीटी व सीएनटी एक्ट को सख्ती से लागू करने, इसमें किये गये संशोधन को वापस लेने तथा घोषित की गयी स्थानीयता नीति को रद्द कर 1932 के खतियान के आधार पर नयी स्थानीयता को परिभाषित करने की मांग की गयी. नागरिकता संशोधन अधिनियम सीएए एवं एनआरसी को झारखंड में पूरी तरह खारिज करने का भी प्रस्ताव पास किया गया. वहीं झारखंड में पूर्णरूपेण नशाबंदी लागू करने की मांग की गयी है.
आदिवासियों को बचाने की योजना नहीं बना रहा केंद्र : हेमंत सोरेन
दुमका : झामुमो के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार सीएए कानून बनाकर उसे लागू कराने के लिए बाध्य कर रही है. लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों को डरा-धमका कर केंद्र सरकार कानून मानने के लिए मजबूर कर रही है.
वहीं आदिवासियों को बचाने के लिए केंद्र सरकार के पास कोई योजना नहीं है. श्री सोरेन ने कहा कि हमने केंद्र से जनजातीय विश्वविद्यालय मांगा और दिया गया म्यूजियम. आदिवासियों को केंद्र की सरकार म्यूजियम में देखना चाहती है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री जनता है. जनता ही राज्य का मालिक है. मुख्यमंत्री के रूप में मुझे बिठाया है, इसके लिए शुक्रिया प्रकट करता हूं.
चुनावी वायदे पूरे होंगे : चुनाव के वक्त हमने कई वादे किये, जिन्हें पूरा करना है. युवाओं को रोजगार, महिलाओं-बेटियों को सुरक्षा, बुजुर्गों को पेंशन और कर्मियों को उनका अधिकार देना हमारा काम है.
हमने काम शुरू भी कर दिया है. अभी हमारा बजट भी नहीं आया है, बजट आयेगा. सभी समस्याओं पर आपकी सरकार बड़ी तेजी से काम करेगी.
इस राज्य में पहले भी सरकार थी. 19 साल में कई सरकारें आयी-गयीं, लेकिन राज्य का भला नहीं हुआ. समस्या के निदान के लिए लोग मिल रहे हैं, आशाएं हैं, सहम भी जाता हूं कि इतने लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरना है. विश्वास रखें, आपने हमारे कंधे पर जो जिम्मेदारी दी, वह पूरी होगी. पूर्व की सरकार ने खजाना खाली कर दिया. पिछली सरकार किसी की सुनती नहीं थी, लेकिन हमें काम करना है, सबका सुनना है, पहाड़ की तरह समस्या है, उसे खत्म करने की चुनौती है.
प्राकृतिक संसाधन से कैसे रोजगार मिले, इस पर काम करेंगे
हेमंत सोरेन ने कहा : प्राकृतिक संसाधन में कैसे अधिकार मिले, कैसे रोजगार मिले, कैसे अधिकारी बनें, कैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए सरकार काम शुरू कर चुकी है. एक और लड़ाई लड़नी होगी.
जिन्होंने वर्षों से झारखंड को लूटा है, राज्य छोड़ कर ऐसे लोग भाग रहे हैं या भागने की तैयारी कर रहे हैं. चुनौती को हमें अवसर में बदलना होगा. राज्य के खजाने पर पहला अधिकार राज्यवासियों का होगा. योजनाएं आपके पैसे से चलती हैं. सड़क, बिजली, पानी सब आपके पैसे से मिलता है. अधिकारियों का वेतन भी आपके पैसे से होता है. आज कोई भुगतान लंबित न रहे. अधिकारियों को आदेश है कि पहले गरीब को पेंशन मिले, तब अधिकारी को वेतन मिलेगा.

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