साक्ष्य के अभाव में बरी हुए हेमंत सोरेन
दुमका कोर्ट : आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में पूर्व डिप्टी सीएम हेमंत सोरेन एवं झामुमो कार्यकर्ता सैयद अलाउद्दीन को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी डीके मिश्र की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. आठ साल पहले हुए विधान सभा चुनाव के दौरान 14 फरवरी 2005 को सामान्य प्रेक्षक एएस श्रीकांता ने सदर […]
दुमका कोर्ट : आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में पूर्व डिप्टी सीएम हेमंत सोरेन एवं झामुमो कार्यकर्ता सैयद अलाउद्दीन को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी डीके मिश्र की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.
आठ साल पहले हुए विधान सभा चुनाव के दौरान 14 फरवरी 2005 को सामान्य प्रेक्षक एएस श्रीकांता ने सदर प्रखंड के कुमड़ाबाद में बिना अनुमति के झामुमो प्रत्याशी के समर्थन में कार्यकर्ता टाटा सूमो बीआर 14 एफ 0005 से चुनाव प्रचार करने का आरोप था.
आब्जर्वर के निर्देश एवं एसपी के रिपोर्ट पर दुमका नगर थाने में भादवि की दफा 271 (सी) एवं आरपी एक्ट की धारा 133 के तहत सूचक नगर थाना प्रभारी सुरेंद्र राय द्वारा अप्राथमिकी संख्या 9/05 दर्ज करायी गयी थी.
इसमें सूमो के मालिक मो सैयद अलाउद्दीन, वाहन चालक विनोद कुमार गोस्वामी एवं हेमंत सोरेन को आरोपी बनाया गया था. आठ वर्ष तक चले ट्रायल केस नंबर 28/13 में एकमात्र गवाह के तौर पर सूचक सुरेंद्र राय ही उपस्थित हुए. न्यायालय के ओसीआर 76/05 में 19 अगस्त 2005 को हेमंत सोरेन ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था बौर तीन हजार रुपये के दो बंधपत्र पर जमानत ली थी.
न्यायालय ने मामले में इससे पूर्व 7 मार्च 2005 को सैयद अलाउद्दीन, विनोद कुमार गोस्वामी और हेमंत सोरेन के विरूद्ध संज्ञान लिया था. विनोद कुमार गोस्वामी के न्यायालय में उपस्थित नहीं होने के कारण उसका ट्रायल अलग कर दिया गया था. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार सिंह एवं जर्नादन प्रसाद यादव ने पैरवी की.