आदिवासी व सामाजिक संगठनों का चार दिवसीय धरना शुरू

दुमका: असम में आदिवासियों की निर्मम हत्या तथा उनपर हो रहे अत्याचार की घटना की कड़ी निंदा करते हुए दुमका जिले में कई आदिवासी व सामाजिक संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया है. केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार और असम की तरुण गोगोई सरकार से अविलंब कठोर कदम उठाने की मांग की गयी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2014 8:03 PM

दुमका: असम में आदिवासियों की निर्मम हत्या तथा उनपर हो रहे अत्याचार की घटना की कड़ी निंदा करते हुए दुमका जिले में कई आदिवासी व सामाजिक संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया है. केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार और असम की तरुण गोगोई सरकार से अविलंब कठोर कदम उठाने की मांग की गयी है.

शनिवार को दुमका के पोखरा चौक में आदिवासी संगठनों ने साझा आंदोलन के तहत चार दिवसीय धरना शुरू किया. असम में आदिवासियों की सुरक्षा तथा हत्या करने वाले बोडो उग्रवादियों की अविलंब गिरफ्तारी तथा उन्हें सजा दिलाने की मांग की गयी. धरना में गोटा भारोत सिदो-कान्हू हूल बैसी, संताल यूनाइटेड फ्रंट, जोहार मानव संसाधन विकास केंद्र, आईस्वाक, फ्रेंडस ऑफ ट्राइबल, बोडिंग मेमोरियल ट्रस्ट के अलावा स्कूलों व कालेजों के विद्यार्थी शामिल हुए.

31 दिसंबर तक चलने वाले इस धरना के साथ हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है. जन समर्थन हासिल करते हुए आवाज बुलंद किया जा रहा है शाम में असम के पीडि़त आदिवासियों को सहानुभूति स्वरूप एवं वहां मारे गये लोगों की आत्मा की शांति के लिए लोगों ने मोमबत्ती जलायी. मौके पर नवल किशोर मरांडी, तोनोल मुर्मू, जुनास मरांडी, डॉ सुशील मरांडी, विजय टुडू, सुलेमान मरांडी, सिद्धोर हांसदा, राजीव बास्की, राजेंद्र मुर्मू, मर्सिलिना हेंब्रम, ऐमेशी हेंब्रम, पुलिस हेंब्रम, सुशील हांसदा, मो कमरुद्दीन, गदाधर दास, मंगल मुर्मू आदि मौजूद थे.

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