दुमका : हर दिन सड़क हादसे ने रुलाय, 400 से अधिक हादसे में 261 की गयी जान, 400 से अधिक घायल
सबसे अधिक दिक्कत आबादी क्षेत्रों में देखने को मिलती है. जिले व आसपास के क्षेत्रों में तेज रफ्तार से वाहन या बाइक चलाते देखा जाता है. आयेदिन उन चालकों के कारण शहर में हादसे होते हैं. जिसमें प्राय: लोगों की जान चली जाती है.
दुमका जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरुकता का घोर अभाव है. लापरवाह तरीके से वाहन परिचालन हादसे की वजह बनती जा रही है. ऐसे लोग या तो खुद की जान गंवा रहे हैं या दूसरे की मौत का कारण बन रहे हैं. जनवरी से अबतक 400 से अधिक छोटे-बड़े हादसे हुए. आंकड़ों के अनुसार जिसमें अबतक 261 लोग जान गवां चुके हैं. कई लोग शारीरिक रूप से लाचार हो गये हैं. मुख्य मार्ग या चौक-चौराहों पर निर्धारित गति में चलने के लिए कई जगह साइन बोर्ड तो लगा रखे हैं, लेकिन उनका पालन नहीं हो पाता. ऐसे में तेज गति के चलते हर साल सड़कों पर हादसे होते हैं. हादसों का मुख्य कारण चालकों की लापरवाही और नशे की हालत में वाहन चलाने को माना जा सकता है. अधिकांश हादसे का कारण ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन को माना जाता है. 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर दो पहिए वाहन चला रहे है. इतना ही जिला परिवहन विभाग द्वारा लाख कार्रवाई करने के बाद भी बाइक चालक बिना हेलमेट के सड़कों पर दौड़ते नजर आते है. ज्यादातर मौते सिर में गंभीर चोट लगने के कारण होती है. हर साल जिले में करीब 400 से अधिक हादसे तेज रफ्तार के कारण होती हैं, जिसमें सैंकड़ों लोग घायल होते हैं और कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है. तेज रफ्तार के कारण वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ ही सामने से आने वाले वाहनों को शिकार बना लेते हैं. इसलिए राहगीर, बच्चे व महिलाएं भी चपेट में आ जाती है.
आबादी क्षेत्रों में तेज गति से दौड़ती हैं बाइकें
सबसे अधिक दिक्कत आबादी क्षेत्रों में देखने को मिलती है. जिले व आसपास के क्षेत्रों में तेज रफ्तार से वाहन या बाइक चलाते देखा जाता है. आयेदिन उन चालकों के कारण शहर में हादसे होते हैं. जिसमें प्राय: लोगों की जान चली जाती है. या वे गंभीर रूप से जख्मी हो जाते है. रफ्तार और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के कारण बाइकों की भिड़ंत देखने को मिलता है. इतना ही नही आज के इस दौर में मोबाइल भी हादसे का एक कारण बन गया है. जनवरी माह से अबतक जिले के विभिन्न मार्गों पर 400 से अधिक छोटे बड़े हादसे हुए है. जिसमें 261 लोगों की मौत हो चुकी है. 400 से अधिक लोग घायल हुए है. इस वर्ष जनवरी माह में जनवरी में 18, फरवरी में 28, मार्च 29, अप्रैल 27, मई 16, जून 19, जुलाई 23, अगस्त 24, सितंबर 18, अक्तूबर 22, नवंबर 26 और दिसंबर माह में अबतक 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
दुर्घटना के मामले
केस-01: रामगढ़-दुमका मुख्य मार्ग में ठाड़ीहाट और दुम गांव के बीच हुए तीन बाइकों की भिड़ंत में घटनास्थल लोगों की मौत हो गयी थी. वहीं हादसे चार लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. स्थानीय लोगों की सहायता से घायलों को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लाया गया. जहां इलाज के दौरान तीसरे युवक की मौत हो गयी थी.
केस-02: 6 फरवरी को भागलपुर से गंगा स्नान कर लौटने के दौरान सड़क हादसे में मां-बेटे की दर्दनाक मौत हो गयी थी. हंसडीहा से दोनों बाइक लेकर घर लौट रहे थे. रामगढ़-हंसडीहा मार्गपर कुरूआकित्ता गांव के पास अज्ञात वाहन के धक्के से मां-बेटे की मौत हो गयी थी.
केस-03: जामा थाना क्षेत्र की ढोंढली पंचायत के बलमडीह गांव के पास खाली ट्रैक्टर गड्ढे में गिर जाने से उसपर सवार चालक समेत तीन मजदूरों की मौत हो गयी थी. सभी खाना खाने के लिए ट्रैक्टर लेकर नयाडीह गांव जा रहे थे. संतुलन बिगड़ जाने से हादसा हुआ था.
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