मलुटी मंदिर को पहचान दिलाने वाले गोपाल दास मुखर्जी हुए सम्मानित//अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र व 50 हजार रुपये का सम्मान
संवाददाता, दुमकागणतंत्र दिवस के अवसर पर दुमका में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मलुटी के मंदिरों के संरक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले तथा उसे अंतराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले इतिहासकार गोपाल दास मुखर्जी को सम्मानित किया गया. उन्हें सीएम ने अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र तथा पचास हजार रुपये सम्मानस्वरुप प्रदान किया. 5 जनवरी 1932 को जन्में […]
संवाददाता, दुमकागणतंत्र दिवस के अवसर पर दुमका में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मलुटी के मंदिरों के संरक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले तथा उसे अंतराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले इतिहासकार गोपाल दास मुखर्जी को सम्मानित किया गया. उन्हें सीएम ने अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र तथा पचास हजार रुपये सम्मानस्वरुप प्रदान किया. 5 जनवरी 1932 को जन्में श्री मुखर्जी ने 1951 से 1967 तक भारतीय वायुसेना में सेवा दी, फिर 1968 से लेकर 1992 तक मध्य विद्यालय मलुटी में प्रधानाध्यापक के रुप में अध्यापन किया. 108 टेराकोटा मंदिरों के अपने गांव मलुटी का संरक्षण किया. नि:शुल्क होमियोपैथिक चिकित्सा चलाते रहे. देवभुमि मलुटी, नानकर मलुटी, बाज के बदले राज, एकटी सैनिकेर सीती कथा,गुप्तकाशी मलुटी तथा टेम्पल ऑफ मलुटी, मलुटी दी हेरीटेज विलेज ऑफ झारखंड सहित कई पुस्तकों को प्रकाशित कर मलुटी को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलायी.———————–फोटो27 दुमका 23—————–सीएम के हाथों सम्मान प्राप्त करते गोपालदास मुखर्जी.