जनता से होगा सीधा संवाद

विकास की रखी आधारशीला, कहा दुमका : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को विकास मेला के दौरान बिरसा मुंडा आउटडोर स्टेडियम में 126.40 करोड़ रुपये की योजनाओं का ऑनलाइन उद्घाटन व शिलान्यास किया, जबकि 35 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति वितरित की. कुल 315 योजनाओं में 292 नयी योजनाओं का शिलान्यास किया गया, जबकि 23 पूर्ण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2013 12:42 AM

विकास की रखी आधारशीला, कहा

दुमका : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को विकास मेला के दौरान बिरसा मुंडा आउटडोर स्टेडियम में 126.40 करोड़ रुपये की योजनाओं का ऑनलाइन उद्घाटन शिलान्यास किया, जबकि 35 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति वितरित की.

कुल 315 योजनाओं में 292 नयी योजनाओं का शिलान्यास किया गया, जबकि 23 पूर्ण योजनाओं का उद्घाटन किया गया. मौके पर मंत्री साईमन मरांडी भी मौजूद थे.

उपराजधानी का होगा सर्वागीण विकास : श्री सोरेन ने कहा कि उपराजधानी दुमका का सर्वागीण विकास किया जायेगा. इस दरजे के अनुरूप दुमका शहर विकास के मामले में पीछे है.

सरकार उपराजधानी को इस तरह से विकसित करना चाह रही है कि पूरे राज्य में इसे मॉडल के रुप में देखा जाये. इसके लिए जो चुनौतियां हैं, उनका सामना करने के लिए लक्ष्य तय किया जायेगा. सरकार दुमका और बासुकिनाथ में रिंग रोड बनवाने जा रही है. रिंग रोड बनने से शहरी क्षेत्र में हादसे घटेंगे. उन्होंने कहा : दूसरी कई सड़कें भी बनेंगी.

ग्रामीण सड़कों की भी दशा सुधरेगी : उन्होंने यह भी कहा : केवल शहरी क्षेत्र को विकसित कर खुशहाली नहीं लायी जा सकती है. खुशहाली के लिए गांवों के विकास पर भी जोर देना होगा. तभी शहर, राज्य और देश मजबूत होगा. गोविंदपुरसाहिबगंज पथ के साथसाथ जिलों को जोड़ने वाली पथें सुदृढ़ हुई हैं. अब जिलों से गांव को जोड़ने वाली सड़कें बनायी जायेगी, जो रोजगार विकास के द्वार खोलेगी.

विकास के मुद्दे पर हो राजनीति

श्री सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय चुनौती भरा है. ऐसे में विकास के मुद्दे पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए. विकास का काम रुकना नहीं चाहिए. व्यवस्था को लेकर वाजिब आवाज उठे. सरकार तक इसकी शिकायत पहुंचाये, उसमें कार्रवाई होगी. सभी विभागों से भी उन्होंने सामंजस्य स्थापित कर विकास योजनाओं तथा कार्यक्रमों को गति देने पर जोर दिया.

आमजनों का जुड़ाव हो सरकार से

श्री सोरेन ने कहा : आम जनों का जुड़ाव सरकार से होना चाहिए. आमजन सरकार से दूर थी. यही वजह है कि उन्होंने जनता से सीधा संवाद करने का प्रयास किया है. प्रशासनिक स्तर पर भी ऐसी पहल हो. जनता की बातों, जनता के दुखदर्द को सुना जाय और उनकी समस्याओं का निदान हो. पंचायती राज व्यवस्था के तहत प्रखंड से लेकर पंचायतों में भी ऐसी पहल हो. पंचायत सचिवालय को कारगर बनाने तथा उसमें संचालित प्रज्ञा केंद्रों को भी सुचारु बनाने की बात उन्होंने कही.

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