गठन तो दूर, पहाड़िया बटालियन का नहीं तैयार हो सका खाका
दुमका : दुमका में तीसरी बार कैबिनेट की बैठक हो रही है. पहली बार जब कैबिनेट मीटिंग जनवरी 2006 में जब हुई थी, तब राज्य सरकार द्वारा पहाड़िया सैन्य बटालियन के गठन की घोषणा की गयी थी. दूसरी बार पांच साल बाद बैठक हुई, तो सरकार ने इस प्रस्ताव को विधिवत मंजूरी दी थी. उस […]
दुमका : दुमका में तीसरी बार कैबिनेट की बैठक हो रही है. पहली बार जब कैबिनेट मीटिंग जनवरी 2006 में जब हुई थी, तब राज्य सरकार द्वारा पहाड़िया सैन्य बटालियन के गठन की घोषणा की गयी थी. दूसरी बार पांच साल बाद बैठक हुई, तो सरकार ने इस प्रस्ताव को विधिवत मंजूरी दी थी.
उस वक्त इसके गठन को लेकर छह करोड़ रुपये देने तथा हर वर्ष स्थापना लागत के तौर पर 38 करोड़ रुपये भुगतान करने की दिशा में भी सैद्धांतिक मंजूरी दी गयी थी. इस पहाड़िया सैन्य बटालियन में एक हजार युवाओं को शामिल किया जाना था. अब सबकी निगाहें इस बार की बैठक पर है, आशाएं बंधी हैं.
सीधी नौकरी का भी नहीं मिल रहा लाभ
पहाड़िया शिक्षित युवाओं को सीधी नियुक्ति देने की घोषणा का भी लाभ नहीं मिल रहा है. इस क्षेत्र में रहने वाले पहाड़िया विकास से वंचित हैं. विलुप्ति के कगार पर पहुंच रही इस आदिम जनजाति के लिए केंद्र व राज्य की सरकार करोड़ों रुपये बहाती है, पर उसका लाभ इस वर्ग तक नहीं पहुंच पाता.