सरकारी स्कूल में भी री एडमिशन फी !

तीन बच्चों से राशि वसूलने का मामला आया सामने रामगढ़ : एक ओर राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों में री एडमिशन के नाम पर राशि वसूली को लेकर शिकंजा कस रही है, वहीं रामगढ़ के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक पर री-एडमिशन व एडमिशन के नाम पर तीन बच्चों से राशि वसूले जाने की बात सामने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2015 10:04 AM
तीन बच्चों से राशि वसूलने का मामला आया सामने
रामगढ़ : एक ओर राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों में री एडमिशन के नाम पर राशि वसूली को लेकर शिकंजा कस रही है, वहीं रामगढ़ के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक पर री-एडमिशन व एडमिशन के नाम पर तीन बच्चों से राशि वसूले जाने की बात सामने आयी है. इन बच्चों के अभिभावक ने जिला परिषद् सदस्य कन्हाई देहरी को आवेदन दिया है तथा कार्रवाई करवाने की मांग की है.
मामला कड़बिंधा बुनियादी विद्यालय का है और आरोप प्रधानाध्यापिका पर लगा है. छात्र सूरज कुंवर, कार्तिक कुमार एवं अजय राय से यह राशि वसूली गयी है.
इन बच्चों से एडमिशन व री एडमिशन के नाम पर 500, 300 एवं 150 रुपये की वसूली हुई है. अभिभावक झारखंडी राय, अजरुन कुंवर, अमृत राय, सुनीत राय, लक्ष्मण राउत, संजू देवी मुरलीधर कुंवर आदि ने कहा है कि शिक्षिका ने धमकी दी है कि शिकायत की गयी, तो स्कूल से छात्रों का नाम काट दिया जायेगा. जिला शिक्षा अधीक्षक मसुदी टुडू ने कहा है कि सरकारी स्कूल में एडमिशन व री एडमिशन फी लेना गैर कानूनी है. जांचोपरांत कार्रवाई होगी.
आधे दर्जन विद्यालयों भूमि जांच की मांग
दुमका : मार्क्‍सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सचिव एहतेशाम अहमद ने अनुमंडल पदाधिकारी को एक आवेदन देकर शहरी क्षेत्र में अवस्थित आधे दर्जन प्राइवेट स्कूलों के भूमि की जांच कराने की मांग की है. यह सभी छह विद्यालय शहर के प्रमुख विद्यालयों में गिने जाते हैं. श्री अहमद का आरोप है कि इन विद्यालयों ने सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर रखा है. उन्होंने अतिक्रमित जमीनों को मुक्त कराने की मांग की है.
सरकार के निर्देशों का हो अनुपालन
दुमका : सेक्रेड हर्ट स्कूल की प्राचार्या सिस्टर शांता ने बुधवार को अभिभावकों द्वारा की गयी शिकायत के मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि विद्यालय प्रबंधन ने अभिभावकों से मिलने से कभी इनकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सरकार के दिशा निर्देश का भी प्रबंधन के निर्णय उपरांत अनुपालन किया जाता है. उन्होंने कहा कि उनका विद्यालय पुनर्नामांकन शुल्क नहीं ले रहा और शुल्क भी अन्य विद्यालयों से कम है.

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