विशेष तो दूर साधारण भोजन भी नसीब नहीं
स्कूल चलें चलायें अभियान के दिन भी रानीश्वर के कई स्कूलों में लटका रहा ताला रानीश्वर : दुमका जिले में स्कूल चलें चलायें अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी व शिक्षक जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. इस अभियान के तहत मंगलवार से सरकारी स्कूल सुबह के बदले 10:00 बजे से […]
स्कूल चलें चलायें अभियान के दिन भी रानीश्वर के कई स्कूलों में लटका रहा ताला
रानीश्वर : दुमका जिले में स्कूल चलें चलायें अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी व शिक्षक जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. इस अभियान के तहत मंगलवार से सरकारी स्कूल सुबह के बदले 10:00 बजे से चार बजे तक किया गया है.
अवसर पर स्कूलों में बच्चों के लिए विशेष भोजन देने का प्रावधान किया गया था़ इस खबर से भी रानीश्वर प्रखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोग अनजान हैं. यहां एमडीएम के चावल के अभाव में आधे से अधिक स्कूलों में एमडीएम पहले से ही बंद है़ आज भी कई स्कूलों में चूल्हा नहीं जला़
हालांकि शिक्षा विभाग किसी भी हालत में अभियान के लिए विशेष भोजन की व्यवस्था करने का दावा कर रहे थ़े जो खोखला साबित हो गया़ मंगलवार को प्रखंड के कई स्कूलों का दौरा करने पर असलीयत का पता चल गया़ यहां विशेष भोजन तो दूर स्कूल का ताला तक नहीं खुला़ कई स्कूल में बच्चे पहुंचे थे पर शिक्षक नदारत थ़े सुबह 9:30 बजे उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय
बाथानबेड़ा पहुंचने पर देखा गया कि वहां कई बच्चे बरामदे पर बैठे थ़े स्कूल खुला था़ संयोजिका सरस्वती पूजहरनी ने बताया कि यहां चावल के अभाव में एक अप्रैल से ही एमडीएम बंद है, तो आज कहां से भोजन बनेगा़ यहां आज चूल्हा नहीं जला़
रसोई घर बंद रहा़ 10:15 बजे प्राथमिक विद्यालय सुंदरडीह पहुंचने पर वहां स्कूल में ताला लटक रहा था़ स्कूल के बाहर ईमली पेड़ के नीचे बच्चे खेल रहे थ़े वहीं पर उपसंयोजिका गरोदी सोरेन बैठी थी़ उन्होंने बताया कि शिक्षक के पहुंचने पर बच्चे तैयार होकर स्कूल आयेंग़े ग्रामीणों ने बताया कि यहां पदस्थापित शिक्षक महीने में दो चार दिन ही आते हैं. यहां के संयोजिका 10 किलोमीटर दूर मानिकडीह गांव में रहती है़ शिक्षक आने पर वह भी आती है तब एमडीएम बनता है़ 10:30 बजे उत्क्रमित मध्य विद्यालय चुआपानी पहुंचने पर वहां स्कूल में ताला लटक रहा था़
वहां न षिक्षक थे और न ही बच्चे स्कूल परिसर देखकर नहीं लगा कि यहां भोजन बनता है़ ग्रामीणों ने बताया यहां भगवान भरोसे स्कूल चलता है़ 10:45 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय दुखियाडीह पहुंचने पर वहां 21 बच्चे थ़े बच्चे दाल भात व आलू की सब्जी खाकर घर जाने की तैयारी कर रहे थ़े स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं थ़े संयोजिका एलिजाबेथ मरांडी ने बताया आज दस बजे से स्कूल है इसकी जानकारी मुङो नहीं है़ इन स्कूलों में समय-समय पर पदाधिकारियों का निरीक्षण नहीं होने के कारण शिक्षक निडर होकर घर में बैठ कर ही स्कूल करते हैं
रामगढ़ : प्रखंड के दर्जनों स्कूलों में चावल के अभाव में मध्याह्न् भोजन योजना ठप पड़ा है. इसका असर विद्यालय चले चलायें अभियान पर पड़ रहा है. जिला शिक्षा अधीक्षक के आदेश पर स्कूलों में नामांकन अभियान के तहत हर दिन अलग अलग प्रकार के व्यंजन देने की बात कही गयी थी.
जिसमें फल, अंडा आदि शामिल हैं, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय सिमरा, कांजो, रानीडीह, शंकरपुर, फिटकोरिया, केचूवा, घाटी आदि स्कूलों में एमडीएम बंद होने की वजह से छात्रों की उपस्थिति काफी कम हो गयी है. रानीडीह उत्क्रमित विद्यालय के शिक्षक योगेंद्र साह ने बताया कि बीइइओ रंजीत चौधरी को चावल व राशि के अभाव की सूचना दी जा चुकी है, फिर भी इस दिशा में कोई पहल नहीं हुआ है.