अविलंब रद्द हो बालू घाटों की बंदोवस्ती: मोरचा

दुमका . संताल परगना खतियानी रैयती मोरचा ने पिछले दिनों बालू घाटों की हुई निलामी का विरोध किया और इसे अविलंब रद्द करने की मांग की. सदस्य सुरून सोरेन ने कहा कि आदिवासियों की लंबी लड़ाई के बाद अनुसूचित क्षेत्रों में पेशा कानून के अंतर्गत पंचायत का चुनाव कराया गया था. जिससे लोगों को विश्ववास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2015 10:05 PM

दुमका . संताल परगना खतियानी रैयती मोरचा ने पिछले दिनों बालू घाटों की हुई निलामी का विरोध किया और इसे अविलंब रद्द करने की मांग की. सदस्य सुरून सोरेन ने कहा कि आदिवासियों की लंबी लड़ाई के बाद अनुसूचित क्षेत्रों में पेशा कानून के अंतर्गत पंचायत का चुनाव कराया गया था. जिससे लोगों को विश्ववास हो गया था कि अब लोगों का अपने गांव में अधिकार होगा, लेकिन अच्छे दिनों का सपना दिखाकर नरेंद्र मोदी व रघुवर दास की भाजपा सरकार ने पेशा का अधिकार छिन लिया. उन्होंने कहा कि माफिया तंत्र को बालू घाटो की निलामी पेशा कानून का खुल्लम खुल्ला उलंघन है. उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रशासन व सरकार बालू घाटों की निलामी को रद्द करने के लिए कारगर पहल नहीं करती है, तो मोरचा उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी. विरोध करने वालों में प्रेमानंद किस्कू, दिगाम मरांडी, गोपाल मुर्मू, राम चंद्र मांझी, मणिलाल मरांडी आदि शामिल हैं.

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