अवर शिक्षा सेवा के अधिकारियों को मिले नियमित प्रोन्नति: संघ
स्वीकृत 129 पदों के विरुद्ध मात्र 54 पदों पर ही हुईर् है प्रोन्नतिशेष 75 पद अद्यावधि रिक्त हैंप्रतिनिधि, दुमका झारखंड राज्य अवर शिक्षा सेवा संघ द्वारा मानव संसाधन विकास विभाग के मंत्री को एक ज्ञापन सौंप कर अवर शिक्षा सेवा के अधिकारियों को राज्य शिक्षा सेवा संदर्भ में नियमित प्रोन्नति देने की मांग की है. […]
स्वीकृत 129 पदों के विरुद्ध मात्र 54 पदों पर ही हुईर् है प्रोन्नतिशेष 75 पद अद्यावधि रिक्त हैंप्रतिनिधि, दुमका झारखंड राज्य अवर शिक्षा सेवा संघ द्वारा मानव संसाधन विकास विभाग के मंत्री को एक ज्ञापन सौंप कर अवर शिक्षा सेवा के अधिकारियों को राज्य शिक्षा सेवा संदर्भ में नियमित प्रोन्नति देने की मांग की है. ज्ञापन में सदस्यों ने बताया है कि अवर शिक्षा के अधिकारी प्रारंभ से ही आदेशित कार्यों व कार्यक्रमों एवं शिक्षा के प्रचार प्रसार व विकास में सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं. सदस्यों ने मंत्री का ध्यानाकृष्ट कराते हुए बताया कि संयुक्त बिहार में 1978 से ही अवर शिक्षा सेवा का पद राजपत्रित रहा है और शिक्षा सेवा संवर्ग में 50 प्रतिशत पदों पर अवर शिक्षा सेवा के अधिकारियों को नियमित प्रोन्नत्ति मिलती रही है. सदस्यों ने वर्तमान में राज्य विभाजन के बाद वर्ष 2014 में बनी अवर शिक्षा सेवा के लिए नियुक्ति एवं प्रोन्नति नियमावली में यह प्रावधान समाप्त कर अराजपत्रित घोषित करते हुए मात्र 25 प्रतिशत पद ही प्रोन्नति के लिए रखे जाने पर क्षोभ जताया है और इसमें सुधार की मांग की है. सदस्यों ने मंत्री को बताया कि राज्य निर्माण के 15 वर्षों के दरम्यान सरकार द्वारा चिह्नित व स्वीकृत 129 पदों के विरुद्ध मात्र 54 पदों पर प्रोन्नति दी गई, शेष 75 पद अद्यावधि रिक्त हैं. जबकि प्रावधान के अनुसार प्रतिवर्ष रिक्त पदों पर नियमित प्रोन्नति दिया जाना है. मौके पर संघीय सदस्य विमलकांत झा, सूर्य प्रकाश प्रसाद, राजकुमार ठाकुर, वंदना सिंह, नरेश दास, हेलेन मरांडी, एलिजाबेथ मरांडी, सुरेंद्र हेंब्रम, बाबूराम मुर्मू, रंजित कुमार चौधरी, मिलन कुमार घोष, मोहन प्रसाद गुप्ता, रामसुंदर भगत, लंबोदर महतो, जमालुद्दीन, नईमुद्दीन अंसारी आदि मौजूद थे. ………………………………..