ग्रामीण इलाकों में दुर्गम राहों पर सफर की मजबूरी

शिकारीपाड़ा : प्रखंड के जामुगुड़िया पंचायत अंतर्गत दुधाजोल व जबरदहा के बीच नलहची नदी पर पुलिया नहीं रहने तथा पथ जजर्र होने से आवाजाही में ग्रामीणों को काफी समस्या होती है. उग्रवाद प्रभावित इस क्षेत्र के लोगों को इसके लिए लगभग आठ किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है. आमरपानी, सरायपानी, पाटोसिमल, गंद्रकपुर, मिरगीपाड़ा, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2015 1:19 AM
शिकारीपाड़ा : प्रखंड के जामुगुड़िया पंचायत अंतर्गत दुधाजोल व जबरदहा के बीच नलहची नदी पर पुलिया नहीं रहने तथा पथ जजर्र होने से आवाजाही में ग्रामीणों को काफी समस्या होती है.
उग्रवाद प्रभावित इस क्षेत्र के लोगों को इसके लिए लगभग आठ किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है. आमरपानी, सरायपानी, पाटोसिमल, गंद्रकपुर, मिरगीपाड़ा, हल्दीपहाड़ी, जगतपुर, हरिणसिंगा, मुसनियां, धनियापहाड़ी सहित पाकुड़िया प्रखंड के दर्जनों गांवों के लोग इस रास्ते महाविद्यालय, उच्च विद्यालय, हटिया व प्रखंड मुख्यालय आवाजाही करते हैं.
दुधाजोल से शिकारीपाड़ा तक तकरीबन 10 किलोमीटर के इस पथ पर प्रतापपुर हिस्साटोला से जबरदहा तक एक किमी सड़क का निर्माण वर्षो पहले ग्रेड एक पर किया गया था. दुधाजोल से पाटोसिमल तक पक्की सड़क बनायी गई है, जबकि शेष हिस्से सड़क विहीन है.
सामान्य दिनों में लोग किसी तरह पुलिया से होकर कच्ची सड़क के माध्यम से विभिन्न जगहों पर आवाजाही करते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में ग्रामीणों की मुश्किलें ब जाती है. नदी पर पुलिया का निर्माण नहीं होने की वजह से दुधाजोल से जगतपुर चायपानी होते हुए लगभग सात से आठ किमी की अधिक दूरी शहर जाने को तय करनी होती है.

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