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पूर्व पार्षद का आरोप/ अध्यक्ष से जान-मान को खतरा दुमका: नगर परिषद दुमका में कुछ पार्षदों और अध्यक्ष में बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमता नहीं दिख रहा है. अब पूर्व पार्षद राजकुमार मोदी ने डीसी को एक आवेदन देकर अध्यक्ष अमिता रक्षित के खिलाफ शिकायत की है तथा उन पर आरोप लगाया है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2015 10:08 PM

पूर्व पार्षद का आरोप/ अध्यक्ष से जान-मान को खतरा दुमका: नगर परिषद दुमका में कुछ पार्षदों और अध्यक्ष में बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमता नहीं दिख रहा है. अब पूर्व पार्षद राजकुमार मोदी ने डीसी को एक आवेदन देकर अध्यक्ष अमिता रक्षित के खिलाफ शिकायत की है तथा उन पर आरोप लगाया है कि वे उन्हें व उनके परिवार को जानमाल का खतरा पहुंचाने की कोशिश करती रहती हैं. इसीलिए उन्होंने श्रीमती रक्षित के विरूद्ध झारखंड उच्च न्यायालय में डब्ल्यूपीसी भी दायर किया हुआ है. श्री मोदी ने बताया कि यह मामला दुमका नगर परिषद् के 75 हजार रुपये को अपने निजी खाता में रखने से संबंधित है. श्री मोदी का आरोप है कि एफआइआर होने के डर से बौखलाकर अध्यक्ष उन पर तरह तरह के आरोप लगा रही हैं. उन्होंने उनके खिलाफ पूर्व में एक सनहा भी दर्ज कराये जाने की भी शिकायत की है. श्री मोदी ने अध्यक्ष के कार्यालय कक्ष में बैठे रहने वाले एक युवक के बारे में भी सवाल उठाया है कि वह क्यों वहां बैठा रहता है और अध्यक्ष की हर गतिविधि पर नजर रखता है और उसके द्वारा कागजातों का आदान-प्रदान देखा जाता है. श्री मोदी ने कहा कि सात साल के अंदर 10 कार्यपालक पदाधिकारी यहां आकर चले गये क्योंकि वे मनमानी व गैर कानूनी कार्य में भागीदार नहीं बनना नहीं चाहते थे. जिन पदाधिकारियों ने अपनी शक्तियों का प्रयोग किया, उन पर गलत तरीके से आरोप लगाकर व दवाब बनाकर उनका स्थानांतरण करा दिया गया. आश्वासन के बाद काम बंद करने का निर्णय टलादुमका. सफाई कार्य कराने वाली संस्था मानव कल्याण समिति ने अध्यक्ष अमिता रक्षित से मिले आश्वासन के बाद अपना पूर्व घोषित आंदोलन वापस ले लिया है तथा पर्व-त्योहारों को देखते हुए कार्य को निर्बाध रूप से जारी रखने की बात कही है. संस्था के संतोष कुमार भदौरिया ने बताया कि दो माह के लिए 2.60 लाख रुपये का भुगतान नहीं हुआ है. पचास हजार रुपये फिलवक्त भुगतान करने का आश्वासन मिला है. नप का डस्टबिन पार्षद की दुकान में !दुमका. नगर पर्षद के डस्टबिन पार्षद के दुकान में उपयोग में लाये जा रहे हैं. एक पार्षद की दुकान नगर पर्षद के कार्यालय परिसर में बने मार्केट काॅम्प्लेक्स में है. हालांकि इसे किसी दूसरे के नाम से लिया गया था. डस्टबिन दुकान तक पहुंचने के मामले में कार्यालय की एक कर्मी ने अपनी रिपोर्ट दी है.

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