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चुनावी मैदान में प्रत्याशी हुए रेस प्रतिनिधि, जामताड़ाचुनाव चिह्न मिलते ही प्रत्याशी अपने अपने इलाके में रेस हो गये हैं. ताबड़तोड़ जनसंपर्क कर अपने पक्ष में वोट की अपील करने लगे हैं. प्रचार-प्रसार का कार्य अपने-अपने तरीके द्वारा किया जा रहा है. मैदान जीतने के लिए दिन रात एक किये हुए है. वहीं प्रशासन की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2015 9:10 PM

चुनावी मैदान में प्रत्याशी हुए रेस प्रतिनिधि, जामताड़ाचुनाव चिह्न मिलते ही प्रत्याशी अपने अपने इलाके में रेस हो गये हैं. ताबड़तोड़ जनसंपर्क कर अपने पक्ष में वोट की अपील करने लगे हैं. प्रचार-प्रसार का कार्य अपने-अपने तरीके द्वारा किया जा रहा है. मैदान जीतने के लिए दिन रात एक किये हुए है. वहीं प्रशासन की ओर से भी चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार हो, इसके लिये पदाधिकारी भी मुस्तैद हैं. चुनाव में आरक्षण नीति के कारण कई ऐसे वार्ड परिषद की सीट है, जहां कैंडिडेट नहीं मिल रहे हैं. कहीं ऐसा पंचायत भी जहां जनता जनार्दन ने अपना फैसला चुनाव के पूर्व ही सुना दिया है.आरक्षण रोस्टर कई स्थानों पर गलतनारायणपुर पंचायत के समेत कई पंचायत में वार्ड सदस्य का सीट खाली रह गया. इसका मुख्य कारण है यहां पर लागु आरक्षण नीति है. आरक्षण के कुल चार वार्ड कैंडिडेट नहीं मिल पाया है. ऐसा आलम प्रखंड के कई ऐसे पंचायतों में सहजता से देखा जा सकता है.बुटबेरिया पंचायत में निर्विरोध चुने मुखिया एवं वार्ड परिषदप्रखंड के बुटबेरिया पंचायत में मुखिया एवं वार्ड सदस्य के सभी पद निर्विरोध चुने गये हैं. पंचायत के पूर्व मुखिया लेावेशर हेंब्रम को ही लोगों ने भविष्य का मुखिया बना दिया. यहां से मुखिया पद के लिये किसी कैंडिडेट द्वारा नामांकन ही नहीं किया गया. नामांकन नहीं होने के कारण पूर्व मुखिया को वर्तमान मुखिया मान लिया गया. यही आलम यहां के वार्ड सदस्यों का रहा.

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