धनतेरस::: आज है भगवान धन्वंतरी का जन्म दिवस बासुकिनाथ. भगवान धन्वंतरी की पूजा-अर्चना सोमवार को बासुकिनाथ में धूमधाम से की जायेगी. पंडित वेदानंद मिश्र 1968 से भगवान धन्वंतरी की पूजा विधि विधानपूर्वक करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वेद व्यास जी ने विष्णु के चौबीस अवतारों में से धन्वंतरी को परिगणित किया है. अमृत निर्माण की कला धन्वंतरी के पास थी. समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. ——————–पांच दिनों का पर्व दीपावली पांच दिनों तक चलने वाली दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है. कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही भगवान धन्वंतरी के जन्म के नाम पर धनतेरस पड़ा है. भगवान धन्वंतरी वैद्य और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन दीप जलाकर भगवान धन्वंतरी की पूजा करने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है. धनतेरस पर विशेष कर चांदी खरीदने की परंपरा रही है. चांदी चंद्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करती है. लोग दीपावली के दिन लक्ष्मी गणेश की पूजा के लिए मूर्ति की खरीदारी करते हैं. लोग सोना भी खरीदते हैं. लेकिन लक्ष्मी चंचला होने के कारण सोना खरीदना शुभ नहीं माना जाता है. क्योंकि सोने को लक्ष्मी का ही रूप माना गया है. इसलिए लोग सोने की जगह चांदी व पीतल के वर्त्तन खरीदना शुभ मानते हैं. ———————–यमदीप का है महत्वबासुकिनाथ. कार्तिक कृष्ण पक्ष की रात जो यमराज के नाम से पूजन करके दीपमाला दक्षिण दिशा की ओर भेंट करता है उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता है. यही कारण है कि धनतेरस के दिन लोग सांयकाल दीपक तेल से भरकर अन्न के ढेर पर पूजन करके मकान के द्वार पर जलाते हैं. जो रात भर जलता है. इसे यम दीप भी कहते हैं.————————– भगवान धन्वतंरी का फाइल फोटो————————-
??????::: ?? ?? ????? ???????? ?? ???? ????
धनतेरस::: आज है भगवान धन्वंतरी का जन्म दिवस बासुकिनाथ. भगवान धन्वंतरी की पूजा-अर्चना सोमवार को बासुकिनाथ में धूमधाम से की जायेगी. पंडित वेदानंद मिश्र 1968 से भगवान धन्वंतरी की पूजा विधि विधानपूर्वक करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वेद व्यास जी ने विष्णु के चौबीस अवतारों में से धन्वंतरी को परिगणित किया है. अमृत […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement