प्रमुख :: 60 हजार श्रद्धालुओं ने फौजदारीनाथ को किया जलार्पण
सुल्तानगंज उतरवाहिनी गंगा से जल उठाकर हजारों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे. सुबह तीन बजे से श्रद्धालु कतारबद्ध व सुरक्षित व्यवस्था के तहत भगवान नागेश का जलाभिषेक करना प्रारंभ किया.
आस्था. जन्माष्टमी को को भक्तों ने भोलेनाथ को दुग्ध, गंगाजल व शहद से रुद्राभिषेक किया प्रतिनिधि, बासुकिनाथ भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि जन्माष्टमी व भादो मेला की सोमवारी को बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में कांवरियों की भीड़ देर शाम तक जुटी रही. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 60 हजार श्रद्धालुओं ने जलार्पण कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. सुल्तानगंज उतरवाहिनी गंगा से जल उठाकर हजारों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे. सुबह तीन बजे से श्रद्धालु कतारबद्ध व सुरक्षित व्यवस्था के तहत भगवान नागेश का जलाभिषेक करना प्रारंभ किया. मंदिर गर्भगृह में पुरोहित पूजा के बाद कांवरिया श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट को खोल दिया. शाम पांच बजे भोलेनाथ की विश्राम पूजा के लिए कांवरियों का जलार्पण और पूजा रोक दी गयी. इस बीच भोलेनाथ की षोडशोपचार पूजन के बाद क्षणिक विश्राम हेतु बाबा मंदिर के कपाट बंद कर दिया गया. विश्राम पूजन के बाद मंदिर के कपाट पुनः खोले गये. कांवरियों ने फिर से मंदिर में जलार्पण करना शुरू किया, जो रात्रिकालीन शृंगार पूजा तक जारी रही. भक्तों ने पवित्र शिवगंगा में डुबकी लगाकर बाबा भोलेनाथ की स्पर्श पूजा की. कतारबद्ध शिवभक्तों को बारी-बारी से गर्भगृह के अंदर प्रवेश कराकर जलार्पण कराया गया. भादो मेले में कांवरियों में उमंग भरा हुआ है. भक्तों ने पवित्र शिवगंगा में डुबकी लगाकर बाबा भोलेनाथ की पूजा की. संपूर्ण मंदिर बोल-बम के जयकारों से गुंजायमान रहा. भक्तों ने शिव को दूध, गंगाजल व शहद से रुद्राभिषेक करने व उनको बेल पत्र अर्पित कर पुण्य की प्राप्ति किया. भादो मेले में सुरक्षा व्यवस्था हेतु पुलिस बम की प्रतिनियुक्ति बनी है. कतारबद्ध होकर श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया. एसडीपीओ संतोष कुमार, बीडीओ कुंदन भगत, पुलिस निरीक्षक श्यामानंद मंडल की देखरेख में भक्तों ने सुलभ जलार्पण किया. 1267 शिवभक्तों ने शीघ्रदर्शनम किया शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत भक्तों ने सुगमतापूर्वक जलार्पण किया. 1267 भक्तों ने शीघ्रदर्शनम किया. कांवरियों ने 300 रुपये को मंदिर कार्यालय से टोकन लेकर सुगमतापूर्वक गर्भगृह में जलार्पण किया. मंदिर कंट्रोल रूम व निकास गेट सीसीटीवी की मदद से मंदिर गतिविधियों पर नजर बनाये रखा. श्रद्धालुओं की सुविधार्थ मंदिर कार्यालय में माइकिंग की भी व्यवस्था की गयी है, जिससे मंदिर के भीड़ में बिछड़े कांवरियों को परिजनों से मिलने में सहायक हो रही है. बासुकिनाथ मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मना बासुकिनाथ. बाबा फौजदारीनाथ दरबार में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर को फूलों से सजाया गया. श्रद्धालुओं ने दिन भर उपवास रखने के बाद कन्हैया की आराधना की. मंदिरों में देर रात पूजा की गयी. सबसे पहले भगवान काे दूध, दही, शहद, भूरा व गाय के घी से भगवान का महाअभिषेक किया गया. इस अवसर पर सैकड़ों लोग पल के साक्षी बने. श्रद्धालुओं ने फूल-झालर व पत्तियों के साथ श्रीकृष्ण की झांकी को भी आकर्षक रूप दिया. वहीं बच्चों में एक अलग उत्साह देखा जा रहा. राधा-कृष्ण की झांकी में शामिल बच्चों को तिलक लगाकर पूजा-अर्चना की. माखन मिश्री का भोग लगाकर उनकी आरती उतारी. राधा कृष्ण के वेश में सजे बच्चे लोगों को आकर्षित कर रहे थे. राधा-कृष्ण का रूप धारण किए बच्चों ने नृत्य भी किया. फूलों व सुंदर वस्त्रों से सजे पालने में भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप को प्रतिस्थापित कर झुलाया. सोहर गीत भी गाये और मनोवांछित फल की कामना की. पंडित दिवाकर झा ने बताया कि जब धरती पर चारों ओर अन्याय व अत्याचार बढ़ता है, तब धरती पर भगवान का अवतरण होता है, जो समाज को नयी दिशा व दशा प्रदान करते हैं. इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. —– फोटो : बासुकिनाथ मंदिर में भक्तों की कतार व कांवरियों की भीड़ फोटो : राधा कृष्ण मंदिर फूलों से सजा हुआ एवं बांसूरी बजाते व झूला झुलते कृष्ण बाल रूप में बच्चे ——
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