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रानीश्वर में धूमधाम से हुई कालीपूजा व दीपावली प्रतिनिधि, रानीश्वररानीश्वर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में कालीपूजा धूमधाम से संपन्न हो गयी. कहीं पडांल में तो कहीं मंदिर में प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गई़ आलगपाथर व कुमिरखाला में कालीपूजा पर विशेष अनुष्ठान किये गये. इन दोनों गांव में कालीपूजा महत्वपूर्ण पूजा है. इसके अलावा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2015 8:30 PM

रानीश्वर में धूमधाम से हुई कालीपूजा व दीपावली प्रतिनिधि, रानीश्वररानीश्वर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में कालीपूजा धूमधाम से संपन्न हो गयी. कहीं पडांल में तो कहीं मंदिर में प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गई़ आलगपाथर व कुमिरखाला में कालीपूजा पर विशेष अनुष्ठान किये गये. इन दोनों गांव में कालीपूजा महत्वपूर्ण पूजा है. इसके अलावा सादीपुर, रानीश्वर, रघुनाथपुर, सुखजोड़ा, बांसकुली, आसनबनी, कुमिरदहा आदि गांवों भी कालीपूजा की गई़ जबकि कालीपूजा के दूसरे दिन से प्रतिमा विसजर्न का सिलसिला शुरू हो गया है़ उधर दीपावली भी धूमधाम से मनायी गयी़ बिजली की आंखमिचौनी जारीहर दिन की तरह कालीपूजा व दीपावल के दिन भी बिजली की आंखमिचौनी जारी रही़ हर दिन यहां शाम ढलते ही बिजली की आंखमिचौनी शुरू हो जाती है़ वैसे कालीपूजा व दीवापली के दिन शाम ढलते ही बिजली की आंखमिचौनी से लोग परेशान रहे और दीपावली की रात विशेष रौशनी के लिए लोगों को वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी़ बिजली उपभोक्ताओं को उम्मीद थी कि कम से कम कालीपूजा व दीपावली की रात निर्बाध बिजली मिलेगी़ लेकिन उपभोक्ताओं का सपना सिर्फ सपना बन कर ही रह गया़……………….भाई फोटा आजरानीश्वर. भाई और बहन के प्यार का पर्व भाई फोटा शुक्रवार को किया जायेगा. इसे धूमधाम से मनाने की तैयारी अंतिम चरण में है़ भाई फोंटा को लेकर बाजारों में भी काफी चहल पहल है़ भाई फोटा में बहन अपने भाई को चंदन का टीका लगाकर भाई की दीर्घायु की कामना करती है़ वहीं भाई भी बहन को टीका लगाकर बहन की रक्षा करने का संकल्प लेता है़………………..शिकारीपाड़ा में बंगला जात्रा का मंचनशिकारीपाड़ा. प्रखंड मे दीपावली व काली पूजा काफी धूमधाम से मनायी गयी. इस अवसर पर सारसाजोल गांव मे बंग्ला ‘जात्र फिरे पेते चाय मां’ का आयोजन किया गया. जिसमें समाजिक पाला कोलकता के विनोदिनी नाट्य संघ द्वारा जात्र का मंचन किया गया. दूसरी ओर प्रखंड के मलुटी, गंध्रकपुर, बरमसिया, मोहुलपाहाड़ी, ढाका सोनाढाब, पर्वतपुर, राजबांध, पाकदहा आदि विभिन्न गांवों के मंदिरो मे प्रतिमा स्थापित कर देवी काली की पूजा अर्चना की गई. वहीं पहली बार शिकारीपाड़ा बाजार मे काली पूजा की शुरूआत की गई. यहां पंडाल में काली मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की गई. …………….

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