???::: ?????????? ??? ??? ?? ??? ?? ???? ????
आके::: दिगलपहाड़ी नहर में दो दशक से पानी नहीं 570 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई का था लक्ष्य, आज किसान पलायन को मजबूर प्रतिनिधि, रानीश्वर प्रखंड के दिगलपहाड़ी जलाशय से निकाले गये नहर में दो दशक से पानी नहीं है. नहर में 90 के दशक से ही इस जलाशय से कम पानी पहुंच रहा था़ वर्ष […]
आके::: दिगलपहाड़ी नहर में दो दशक से पानी नहीं 570 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई का था लक्ष्य, आज किसान पलायन को मजबूर प्रतिनिधि, रानीश्वर प्रखंड के दिगलपहाड़ी जलाशय से निकाले गये नहर में दो दशक से पानी नहीं है. नहर में 90 के दशक से ही इस जलाशय से कम पानी पहुंच रहा था़ वर्ष 2000 में बाढ़ के कारण जलाशय क्षतिग्रस्त हो गया और बहुत दिनों तक जलाशय की मरम्मती नहीं करायी गयी़ बाद में आनन-फानन में मरम्मती करायी, लेकिन इसका कोई लाभ किसानों को नहीं हुआ. जलाशय निर्माण के समय 570 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई का लक्ष्य रखा गया था़ दिगलपहाड़ी जलाशय से दांयी ओर निकाले गये नहर चापुड़िया, आसनबनी होते हुए तिलाबनी गांव तक बनाया गया था़ जबकि बांयी ओर नहर सिउलीबोना होते हुए सिमुलडंगाल तक पहुंचा था़ उस समय नहर से किसानों को पटवन उपलब्ध हो जाने की वजह से किसान साल में दो बार खेती कर खुशहाल थ़े लेकिन पिछले दो दशकों से किसानों की परेशानी बढ़ गयी है़ किसानों को भगवान भरोसे खेती करना पड़ रहा है, जिसके कारण अच्छी बारिश नहीं होने पर किसानों को भारी नुकसान हो रहा है़ जलाशय के दांयी ओर बनाये गये नहर में दो दशक से पानी नहीं आने की वजह से नहर के आसपास के ग्रामीणों द्वारा धीरे-धीरे नहर का अतिक्रमण किया जा रहा है. कहीं-कहीं तो नहर का निशान भी खत्म हो चुका है़ इस नहर पर किसी ने घर तो किसी ने खलिहान आदि बनाकर अतिक्रमण कर लिया है़ कहते हैं किसान‘नहर से जब पटवन मिलता था तो उस समय किसान साल भर खेती कर पाते थ़े लेकिन सरकार की अदूरदर्शिता के कारण किसान पटवन का लाभ पाने से वंचित हो रहे हैं और आर्थिक नुकसान का बोझ ढोना पड़ रहा है.’- हेमकेश मंडल‘पटवन के अभाव में आसपास के खेत पुन: बंजर हो गयी है. अविभाजित बिहार के समय किसानों को सिंचाई सुविधा मिल पाती थी. लेकिन झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद से किसान उस लाभ से वंचित हो गये हैं.’भवेश चंद्र मंडल‘नहर से सिंचाई के अभाव में अपनी जमीन रहते हुए भी किसानों को खेती करने के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ रहा है. जिससे स्थानीय खेती व्यवस्था चरमरा रही है और किसानों को भी परेशानी हो रही है.’शिबु मिर्धा‘इस नहर की मरम्मती के लिए किसानों ने संबंधित विभाग के पदाधिकारी व मंत्री का भी ध्यान आकृष्ट किया गया लेकिन अब तक इस दिशा में किसी प्रकार की पहल नहीं की गई, जिसका खमियाजा किसान भुगतने को विवश हैं.’मनोज गोराई………………….फोटो 18 रानीश्वर 1, 2, 3, 4 व 51़ अतिक्रमित दिगलपहाड़ी नहर2़ हेमकेश मंडल3़ भवेश चंद्र मंडल4़ शिबु मिर्धा5़ मनोज गोराई………………….