बेकार हो रही 36 हजार पुस्तकें

2.5 करोड़ रुपये से हुई थी खरीदारी – नितिन कुमार – दुमका : सिदो कान्हू मुमरू विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में खरीदी गयीं पुस्तकों का उपयोग करने में छात्र ही नहीं शिक्षक भी काफी सुस्त हैं. इस केंद्रीय पुस्तकालय की स्थापना पांच साल पहले 27 नवंबर 2008 को तत्कालीन कुलपति डॉ विक्टर तिग्गा के कार्यकाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2013 5:22 AM

2.5 करोड़ रुपये से हुई थी खरीदारी

– नितिन कुमार –

दुमका : सिदो कान्हू मुमरू विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में खरीदी गयीं पुस्तकों का उपयोग करने में छात्र ही नहीं शिक्षक भी काफी सुस्त हैं. इस केंद्रीय पुस्तकालय की स्थापना पांच साल पहले 27 नवंबर 2008 को तत्कालीन कुलपति डॉ विक्टर तिग्गा के कार्यकाल में हुई थी, तब इस विश्वविद्यालय के लिए पहले चरण में लगभग दो करोड़ रुपये की तथा बाद में लगभग 50 लाख रुपये की पुस्तकों की खरीद हुई.

दोनों चरण को मिला कर लगभग 36 हजार पुस्तकें क्रय की गयी, लेकिन इन पुस्तकों का उपयोग नहीं हो पा रहा है. जिस तरीके से और जिस तरह की पुस्तकें खरीदी गयी, उसके बाद मिली शिकायत पर मामला निगरानी तक भी पहुंचा.

बताया जा रहा है कि 2000 से 3000 रुपये की कीमत वाली कई ऐसी पुस्तकें जो कम प्रति खरीदकर भी काम चलायी जा सकती थी, उसे भी कई प्रतियों में खरीद लिया गया था. उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष केंद्रीय पुस्तकालय के भवन के ऊपरी तल के निर्माण में लगभग चालीस लाख रुपये भी खर्च किये गये थे.

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