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मोमिन कॉन्फ्रेंस का एक दिवसीय सम्मेलन आलिम एवं फाजिल डिग्री की मान्यता को लेकर जताया विरोधफोटो 19 जाम 10 सम्मेलन को संबोधित करते डॉ अब्दुल मन्नान अंसारी व अन्यप्रतिनिधि, जामताड़ा करमाटांड़ प्रखंड के भिठरा नवाडीह उस्मान गणि चौक पर झारखंड सरकार द्वारा आलिम एवं फाजिल डिग्री को निरस्त करने के विरोध में शनिवार को मोमिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2015 9:16 PM

मोमिन कॉन्फ्रेंस का एक दिवसीय सम्मेलन आलिम एवं फाजिल डिग्री की मान्यता को लेकर जताया विरोधफोटो 19 जाम 10 सम्मेलन को संबोधित करते डॉ अब्दुल मन्नान अंसारी व अन्यप्रतिनिधि, जामताड़ा करमाटांड़ प्रखंड के भिठरा नवाडीह उस्मान गणि चौक पर झारखंड सरकार द्वारा आलिम एवं फाजिल डिग्री को निरस्त करने के विरोध में शनिवार को मोमिन काॅन्फ्रेंस के तत्वावधान में एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष डॉ अब्दुल मन्नान अंसारी ने की. सम्मेलन में आलिम और फजिल डिग्री को झारखंड सरकार द्वारा निरस्त करने का जोरदार विरोध किया गया. ज्ञात हो कि एकीकृत बिहार के समय 1977 से बिहार सरकार ने आलिम और फाजिल को बीए और एमए के समकक्ष अधिसूचित करते हुए दर्जा दिया था और 2006 में झारखंड सरकार ने इसे ही आधार मानते हुए झारखंड में आलिम और फाजिल को बीए और एमए के समकक्ष दर्जा दिया. अचानक नवबंर 2015 में इसे निरस्त कर दिया गया. मौके पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोमिन जिलाध्यक्ष डॉ अब्दुल मन्नान अंसारी ने कहा कि झारखंड सरकार उर्दू को खत्म करने के लिए एक साजिश के तहत निर्णय है. जिसका विरोध किया जायेगा. मौके पर मौलाना तैयब तैमी, मो नसरूलाह, मो हासिम अंसारी, मो तौहीद, हाफिज सफिउल्ला होदा, मौलाना सलीम, मौलाना अब्दुस शकुर, सलाहुदीन अंसारी, मोइन अंसारी, हसमुद्दीन अंसारी, जेनुल आवेदिन, फहीमुद्दीन अंसारी, यासीन अंसारी, सुहेल रब्बानी, मौलाना कमरूद्दीन, मो असलम, मो अजीज आदि उपस्थित थे.

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