संताल परगना को नहीं मिला सही नेतृत्व : सुदेश

दुमका में आजसू पार्टी की हुंकारत्नजुटे संताल परगना से पार्टी के हजारों कार्यकर्ता, दिखायी ताकतदुमका : आजसू पार्टी ने संताल परगना पंचायत रैली के माध्यम से गांधी मैदान में अपनी ताकत व जनाधार को प्रदर्शित किया तथा आगामी चुनाव को लेकर हुंकार भरी. इस प्रमंडलस्तरीय लोक पंचायत में संताल परगना के छह जिले से हजारों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:37 PM

दुमका में आजसू पार्टी की हुंकारत्नजुटे संताल परगना से पार्टी के हजारों कार्यकर्ता, दिखायी ताकत
दुमका : आजसू पार्टी ने संताल परगना पंचायत रैली के माध्यम से गांधी मैदान में अपनी ताकत व जनाधार को प्रदर्शित किया तथा आगामी चुनाव को लेकर हुंकार भरी.

इस प्रमंडलस्तरीय लोक पंचायत में संताल परगना के छह जिले से हजारों कार्यकर्ता पहुंचे. मुख्य वक्ता के रुप में संबोधित करते हुए पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा : झारखंड अलग राज्य बनने के बाद जो जन अपेक्षाएं संताल परगना के जनमानस को थी, वह आज तक पूरी नहीं हुई है.

इस क्षेत्र को जिस स्तर का नेतृत्व मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला. क्षेत्र को आगे ले जाने की परिकल्पना अधूरी रह गयी है. उन्होंने कहा : राजनीतिक प्रतिस्पर्धा से दूर आजसू इस प्रमंडल को विकास आधारित राजनीति के रूप में देखती है. सिदो-कान्हू जैसे अमर नायकों ने जो आंदोलन किया, उनकी गाथाओं और उनके सपनों को पूरा करने का प्रयास आजसू पार्टी करेगी. कहा कि विभिन्न सरकारों में रहकर भी पार्टी ने अपने नेतृत्व के विभागों से इस क्षेत्र को सजाने का प्रयास किया है.

सभी 81 विधानसभा सीटों पर लड़ेगे चुनाव : श्री महतो ने कहा कि आजसू पार्टी राज्य के सभी 81 विधानसभा सीटों व 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसकी तैयारी पार्टी कर रही है. कहा: स्थायी सरकार व स्थायी विकास पार्टी का नारा है. पार्टी अब संपूर्ण लड़ाई की ओर है.

हमारी चुनौती दूसरे दल नहीं, राज्य की समस्याएं हैं

सुदेश महतो ने कहा : आजसू पार्टी के लिए इस क्षेत्र में चुनौती दूसरे क्षेत्रीय या राष्ट्रीय दल नहीं, बल्कि झारखंड की वह तमाम समस्यायें हैं, जिससे राज्य की लगभग सवा तीन करोड़ जनता जूझ रही है.

यह सभी नेता भी थे मंच पर

आजसू पार्टी की ‘संताल परगना पंचायत’ रैली में पार्टी के विधायक सह पूर्व मंत्री चंदप्रकाश चौधरी, विधायक कमल किशोर भगत, उमाकांत रजक एवं रामचंद्र सहिस, केंद्रीय पदाधिकारी रामकृष्णा सोरेन, प्रवीण प्रभाकर, तिलेश्वर साहु, देवशरण भगत, अरुण चटर्जी, काशीनाथ सिंह, हसन अंसारी, जोनाथन टुडू, प्रो शर्मिला सोरेन, कृष्णा महतो, प्रो श्याम मुमरू, योगेंद्र महतो, विनोद कुमार आदि मौजूद थे.

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